चंडीगढ/पंचकूला 4-फरवरी
हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के द्वारा जिस प्रकार से बिना सोचे समझे जन विरोधी नीतियों को लागू करने का प्रयास करके जनता की भावनाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है उसके परिणाम सामने आने लगे हैं। आज पंजाब एंव हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा हरियाणा में नीजि श्रेत्र में 75प्रतिशत नौकरियां हरियाणा के निवासियों के लिए आरक्षित करने के फैसले पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से जजपा द्वारा इसका श्रेय लेने का प्रयास किया गया था ।उस निर्णय पर प्रश्न चिह्न लग गया है क्योंकि यह कानून अपनी सोच समझ कर नहीं अपितु अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सरकार पर जजपा द्वारा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर दबाव डालकर प्रदेश में लागू करवाया गया था।
चन्द्र मोहन ने कहा कि पिछले 7 वर्षों के भाजपा के शासन काल में आम आदमी का जीना दुश्वार हो गया है । आज किसान मजदूर और छोटा दुकानदार और कर्मचारी सरकार की जनविरोधी नीतियों से परेशान हैं। कानून व्यवस्था का बुरा हाल है चारों ओर चौरी, डकैती और लूटपाट का माहोल है। मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी बचाने के लिए केन्द्र सरकार के नेताओं की थी हजूरी करने के कार्य में लगे रहते हैं उसे आम आदमी की परेशानियों से कुछ भी लेना देना नहीं है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के शासन काल में आम जनता परेशान है। लोकसभा में 1 फरवरी को पेश किए गए बजट से भी आम आदमी को निराशा ही हाथ लगी है। इस बजट में केवल पूंजीपतियों का ही ध्यान रखा गया है। महगांई और बेरोजगारी ने सभी पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। युवाओं को रोजगार देने की बजाय सरकार युवाओं का रोजगार छीन रही है और आज सरकार का युवा और रोजगार विरोधी चेहरा जनता के सामने बेनकाब हो गया है।प्रदेश का युवा हताश और निराश हो चुका है। इस सरकार की गलत नीतियों के कारण हजारों उद्योग धंधे बंद हो चुके हैं। प्रदेश में बेरोजगारी का हाल यह है कि हर तीसरा ग्रेजुएट बेरोजगार है और ऐसी अवस्था में युवा अपराध के संसार की और उन्मुख होगा और इसे रोकने के लिए सकारात्मक पहल करने की जरूरत है।
चन्द्र मोहन ने कहा कि किसान दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। पहले उन्हें डीएपी खाद नहीं मिला और अब किसान इस ठंड में यूरिया खाद के लिए लाइनों में लगे हुए हैं। किसानों की फसलें बारिश के कारण बर्बाद हो चुकी हैं। मगर सरकार उन्हें मुआवजा तक नहीं दे रही है। किसान कभी फसलों की बिक्री के लिए, कभी फसलों के भुगतान के लिए, कभी खराब फसलों के मुआवजे के लिए, तो कभी खाद के लिए दर-दर की ठोकरें खाने के लिए विवश और लाचार है । देश का अन्नदाता अपने बच्चों का भविष्य बचाने के लिए संघर्षरत हैं। उन्होंने कहा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा की बुरी तरह हार होगी और उसका चेहरा बेनकाब हो जायेगा।