चंडीगढ़/यमुनानगर 29 अप्रैल (राजीव मेहता)
सरकारी सिस्टम का नया कारनामा सामने आया है जिसमें सरकार ने करोना से मरने वालों के परिजनों को 50-50 हजार का मुआवजा देने का फैसला लिया था इस दौरान यमुनानगर के 9 लोगों को सरकारी रिकॉर्ड में मृत दिखा दिया गया जो कि जिंदा है और यह वह लोग हैं जिनके परिवार के सदस्यों की करोना से मौत हुई थी।
करोना से मौत पर मुआवजा लेने के लिए नॉमिनी बने 9 लोग जिंदा होते हुए भी सरकारी रिकॉर्ड में मृत दिखाए गए किसी की पेंशन रुक गई तो कोई सरकारी योजना के लिए अप्लाई ही नहीं कर पाया यह वह लोग हैं जिनके परिवार के सदस्यों की करुणा से मौत हुई है और परिवार के सदस्य की करुणा से मौत पर मुआवजा लेने के लिए नॉमिनी बने थे उन्हें सरकार से मुआवजा तो मिल गया लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में उन्हें मृत दिखाया गया उन्हें जब पता चला इन्हें तब पता चला जब परिवार पहचान पत्र की जरूरत पड़ी या फिर सरकारी योजना का लाभ मिलना बंद हो गया परिवार पहचान पत्र से उनका नाम कट गया और इसके बाद इन लोगों ने सरकारी विभागों के चक्कर काटने शुरू किए तो मामला अधिकारियों तक पहुंच गया अब इसकी जांच शुरू हो गई है लेकिन यह गलती के स्तर पर हुई है अभी जांच में ही साफ हो पाएगा ।
नगर निगम में नॉमिनी के लिए दस्तावेज दिए थे । जिसमें उसके मृत होने के प्रमाण पत्र डाल कर उसे मृत घोषित कर दिया गया है ।
वही यमुनानगर की एडीसी रंजीत कौर का कहना है कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है जिसमें 9 लोग ऐसे हैं जिनको मृत घोषित किया गया है । एडीसी की माने तो यह गलती सिविल सर्जन खेल लेवल पर हुई हो सकती है । ओर अब इनके स्टोर को कॉल करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है एडीसी रंजीत कौर ने भी कहा के जिसे भी इस तरह की दिक्कत है वह एडीसी ऑफिस में आकर संपर्क कर सकते हैं ।
अब इस मामले में सभी विभाग अपना अपना पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहे हैं । लेकिन सोचने वाली बात यह है कि सरकारी किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए कई तरह की प्रक्रिया से निकलना पड़ता है ऐसे में ऐसी गलती हो ना कहीं ना कहीं सभी विभागों पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है ।
