चंडीगढ/पंचकूला(पंकज सिंह) 21मई-
हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री चन्द्र मोहन ने आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 31वीं पुण्यतिथि पर उन्हें अपने भाव- भीने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि देश में संचार क्रान्ति के जनक, सच्चाई, सादगी और मृदुभाषी युवाओं के प्रेरणास्त्रोत देश को एकता के सूत्र में बांधने के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग करने वाले राजीव गांधी ने देश की एकता-अखंडता और इसकी संप्रभुता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। इस महान बलिदान के लिए देश उनका सदैव ही ऋणी रहेगा।
उन्होंने कहा कि देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री के रूप में राजीव गांधी ने देश को 21 शती में ले जाने के लिए जो संकल्प लिया था और स्वपन संजोया था, उस उद्देश्य को पूरा करने के लिए उन्होंने अपने छोटे से राजनैतिक कार्यकाल के दौरान अनेक सार्थक प्रयास किए। उन्होंने कम्प्यूटर और डीजिटलाइजेशन युग की शुरुआत की, जिससे देश में एक नई क्रांति का सूत्रपात हुआ और इसी का परिणाम है कि आज भारतीय वैज्ञानिकों और कम्प्यूटर इंजीनियरों की विदेशों में धाक है।
चन्द्र मोहन ने कहा कि राजीव गांधी ने ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए वर्ष 1985 में देश में नवोदय विद्यालयों की स्थापना को मूर्त रुप दिया और देश के कोने-कोने में लगभग 550 नवोदय विद्यालयों की स्थापना करके, भारत के पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगाने का महायज्ञ शुरू किया जिसके परिणामस्वरूप लाखों बच्चों ने इन स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करके प्रत्येक क्षेत्र में नए-नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।
उन्होंने कहा कि ने किसानों के प्रति उनका विशेष लगाव था और उनकी यह अवधारणा थी कि जब तक देश का किसान खुशहाल नहीं होगा तब तक देश के समग्र विकास की परिकल्पना को वास्तविक रूप में मूर्त रूप नहीं दिया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने लोकतंत्र की पहली सीढ़ी पंचायती राज संस्थाओं को और सुदृढ़ करने के लिए अधिक अधिकार देने की वकालत करते हुए ही लोक सभा में पंचायती राज संशोधन बिल पेश किया, जिसको बाद में संविधान में 72 और 73 वां संशोधन करके उस बिल को मूर्त रूप देकर उनके सपनों को साकार किया गया। देश के युवाओं की लोकतांत्रिक व्यवस्था में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ही राजीव गांधी ने मतदान की आयु 21 वर्ष से कम करके 18 वर्ष करके युवाओं की लोकतंत्र में भागेदारी सुनिश्चित की।
उन्होंने आह्वान किया कि आज देश के विकास के लिए सभी को एक जूट होकर तथा मिल जुलकर एकता का शंखनाद करने की जरूरत है तभी हमारा देश उन्नति के रास्ते पर अग्रसर हो सकता है और यही देश के उस महान् सपूत के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।