चंडीगढ़/यमुनानगर (जिला ब्यूरो राजीव मेहता):- 12 अगस्त
हरियाणा के कई जिलों में फैली गायों में फैली लंपी स्किन बीमारी,
यमुनानगर जिला में 5000 गाय प्रभावित,
सिरसा सहित पांच अन्य जिलों में भी फैली बीमारी,
पशुपालन विभाग के डायरेक्टर जनरल ने किया यमुनानगर का दौरा,
हरियाणा के पशु पालन मंत्री जेपी दलाल ने इस मामले में विभाग को सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए
गाय में लंपी स्किन बीमारी हरियाणा के कई जिलों में फैल चुकी है। सबसे ज्यादा यमुनानगर जिला प्रभावित है। उसके बाद सिरसा में काफी संख्या में गाय इस रोग से प्रभावित हुई हैं। इसके अलावा 5,6अन्य जिलों में भी इस रोग के होने का पता चला है। जिसके बाद पशुपालन विभाग ने अलर्ट घोषित किया है।

यमुनानगर के ग्रामीण इलाकों के अलावा शहरी इलाकों में भी गाय इस बीमारी से पीड़ित हैं। जिसके चलते पशुपालक परेशान हैं। वह अपने अन्य पशुओं को इस बीमारी से बचाव के लिए अन्य स्थानों पर ले जा रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में इस बीमारी का सर्वाधिक प्रभाव देखने को मिला है।
हरियाणा के पशु पालन मंत्री जेपी दलाल ने इस मामले में विभाग को सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्हीं के निर्देश के बाद पशुपालन विभाग के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर बी एस लौरा ने यमुनानगर के विभिन्न इलाकों का दौरा किया।
उन्होंने यहां पशुपलकों व विभाग के डॉक्टरों से भी मुलाकात की। उन्होंने बताया कि यमुनानगर जिला में 4 से 5000 के बीच में गाय लंपी स्किन रोग से प्रभावित हुई हैं। इस के चलते एवं कुछ अन्य कारणों से 3 पशुओं की मौत भी हुई है। उन्होंने बताया कि इस सब के बावजूद इस बीमारी को काबू करने के लिए विभाग द्वारा सभी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने जानकारी दी कि यमुनानगर जिला में क्योंकि यह रोग सबसे अधिक है इसलिए यहां डॉक्टरों की विभिन्न टीमें तैनात की गई हैं। प्रभावित गाय का इलाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्योंकि यह पशुओं से संबंधित बीमारी है इंसान में नहीं फैलती इसलिए इससे दहशत में आने की जरूरत नहीं है। गाय का दूध पीना है उसे उबालकर पीया जाए, बच्चों को भी उबाल कर दूध दिया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि इस रोग से प्रभावित गाय को बुखार होता है। जिसके बाद उसका दूध कम हो जाता है। चार-पांच दिन के बुखार के बाद बुखार कम हो जाना शुरू हो जाता है। जिसके चलते धीरे-धीरे दूध भी बढ़ने लगता है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी से बचाव के लिए कुछ प्राइवेट कंपनियों द्वारा इंजेक्शन मार्केट में लाए गए हैं। वहीं उन्होंने कहां की जिन पशुओं को यह बीमारी है उन्हें इसके बचाव के लिए वैक्सीनेट नहीं किया जा सकता। क्योंकि इससे बीमारी और बढ़ने का खतरा रहेगा। उन्होंने पशु चिकित्सकों को कहा कि वह बीमारी प्रभावित एरिया के पशुओं को इंजेक्शन ना लगाएं।

पशुपालन विभाग के डायरेक्टर जनरल का कहना है कि यह बीमारी हरियाणा के साथ लगते राजस्थान व पंजाब से आई हो सकती है। इसलिए हरियाणा के सभी उपायुक्त व पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि पशुओ को वह भारत सरकार के दिशानिर्देशों एवं गाइडलाइन के मुताबिक बॉर्डर क्रॉस होने से रोके। कोई भी पशु एक से दूसरे राज्य में ना जा पाए, इसकी व्यवस्था की जाए।

वही भम्भोली गांव की एक पशुपालक महिला ने बताया कि उनके गांव में भी गाय में यह रोग तेजी से फैल रहा है और उनके गांव की एक गाय की मौत भी हो चुकी है

यमुनानगर के ग्रामीण इलाकों के अलावा शहरी इलाकों में भी गाय इस बीमारी से पीड़ित हैं। जिसके चलते पशुपालक परेशान है। इस सब के बावजूद इस बीमारी को काबू करने के लिए विभाग द्वारा सभी कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन बीमारी फिर भी काबू नही आ रही।