अंबाला (आर पी डब्लू न्यूज़) 27 अगस्त




अंबाला छावनी के फीनिक्स क्लब में 13 अगस्त 2022 को जश्न-ए-आजादी के न्यौते पर शराब का जिक्र और कार्यक्रम में स्टेज पर हाथों में तिरंगा और सामने जाम छलकाए गए। इतना ही नहीं जश्न-ए-आजादी…शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशां होगा…इन पंक्तियों के नीचे शराब और बीयर उपलब्ध होने का भी जिक्र किया गया। जिसको लेकर अब फीनिक्स क्लब के सदस्यों की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं।
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत फीनिक्स क्लब के न्यौता कार्ड पर जश्न-ए-आजादी के कार्यक्रम में शराब का जिक्र करना और बार की जगह खुले में शराब परोसना पदाधिकारियों को महंगा पड़ता नजर आ रहा है। एक्साइज एंड टैक्सेशन ऑफिसर (ईटीओ) डा. नीरज काजल के नेतृत्व में गठित हुई तीन सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट डिस्ट्रिक्ट एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर (डीईटीसी) आलोक पासी को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि बार की जगह खुले में शराब परोसी गई थी। क्लब को खुले में शराब पिलाने की कोई भी फीस सरकारी खजाने में जमा नहीं करवाई, जिसके चलते जुर्माना लगाया जाएगा। हालांकि अंबाला मंडलायुक्त रेणु फुलिया को क्लब की ओर से क्या जवाब पेश किया गया है, इसका खुलासा नहीं हुआ, लेकिन आबकारी एवं कराधान विभाग की रिपोर्ट ने पदाधिकारियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। क्लब पदाधिकारी चाहते हैं कि इस रिपोर्ट में शराब परोसे जाने का जिक्र न हो, इसलिए वे रिपोर्ट में बदलाव करवाने के लिए तिकड़म लगा सकते हैं। क्लब की प्रेजिडेंट अंबाला मंडल की आयुक्त हैं, इसलिए आबकारी एवं कराधान विभाग भी इस मामले में फूंक फूंक कर कदम रख रहा है और रिपोर्ट चंडीगढ़ में कमिश्नर को भेजने से पहले आयुक्त के संज्ञान में पूरा मामला डालना चाहता है।

प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने भी मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि आयुक्त क्लब की प्रेजिडेंट हैं और उनको मामले में खुद ही संज्ञान लेना चाहिए। अब डीईटीसी की रिपोर्ट आयुक्त के आदेशों के बाद ही आगे बढ़ेगी। उधर, मंडल आयुक्त ने भी दो दिनों के भीतर क्लब के चेयरमैन और सचिव से जवाब मांगा था। जवाब में क्या कहा गया, इसका खुलासा तो नहीं हुआ, जबकि बताया जाता है कि गोलमोल जवाब देकर पदाधिकारी बचने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि जश्न-ए-आजादी के कार्यक्रम में इन्हीं पदाधिकारियों ने शराब उपलब्ध करवाने का खुद ही जिक्र किया है। ऐसे में वे अपना क्या जवाब देते हैं, इसका खुलासा बाद में होगा कि वे जवाब में खुद उलझते हैं या फिर सच्चाई आयुक्त के सामने रखते हैं। इस मामले में डीएसपी रामकुमार को भी जांच सौंपी गई है।