October 20, 2024

प्रशासन भी अपना दायित्व निभाते हुए लंपी महामारी से बचाव के लिए कार्य शुरू कर दिए

0
Sponsored

अंबाला(आर पी डब्ल्यू न्यूज़) :-29 अगस्त


हरियाणा गौशाला के चेयरमेन लंपी बीमारी के चलते अम्बाला गौशाला का किया दौरा, बचाव के लिए किया जागरूक ! चेयरमेन ने गौशाला में गौवंश को देखा व् लँपी वायरस से कितने गौवंश ग्रसित है ये जानकारी ली व् वायरस ग्रसित गौवंश को अलग रखने के निर्देश भी दिए ! उन्होंने इस बात से राहत महसूस की कि इस वायरस से कम गौवंश इस वायरस से ग्रसित है !

Sponsored

प्रशासन भी अपना दायित्व निभाते हुए लंपी महामारी से बचाव के लिए कार्य शुरू कर दिए:-

सरवन गर्ग
चेयरमेन हरियाणा गौ सेवा आयोग !

अंबाला क्षेत्र में लंपी महामारी पशुओं में पैर-पसार चुकी है और प्रशासन भी लंपी बीमारी से ग्रसित पशुओं को गौशालाओं में भिजवाया जा रहा है।  प्रशासन भी अपना दायित्व निभाते हुए लंपी महामारी से बचाव के लिए कार्य शुरू कर दिए है। अंबाला छावनी के रामबाग रोड स्थित गौशाला में हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन सरवन  गर्ग ने गौशाला के निरीक्षण  के साथ-साथ बीमारी से ग्रसित पशुओं का जायजा लेते हुए गौशाला में व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया है। सरवन गर्ग ने बताया कि इस बीमारी से ग्रस्त गाय तेज बुखार के साथ-साथ निढाल हो जाती है और उनका दूध भी कम होने लगता है।  हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन सरवन गर्ग ने बताया कि लंबी बीमारी से पीड़ित गायों को देखने के लिए मैं गौशाला आया था कि यहां क्या कमियां है और क्या अच्छाइयां है। इन सब की जानकारी लेकर में विभाग को सौंप दूंगा। यहां कितनी गाय इस बीमारी से ग्रस्त है और कितनी सड़क पर बीमार गाय हैं। गौशाला के पास कुल 1100 गाय हैं जिनमें से 50-60 गाय ही इस बीमारी से ग्रस्त हैं। गौशाला बालों को गायों को अलग रखने के लिए कह दिया है ताकि उनकी देखभाल अच्छी तरह हो सके। गऊशालां वाले गाय की सेवा के लिए पूरे तन मन धन से लगे हुए हैं। गौशाला में चारे की कमियों को लेकर बताया कि गौशाला वाले पूरे तन मन धन से गाय की सेवा कर रहे हैं और सरकार भी गौशाला को अनुदान देती है जो कि समय पर गौशाला बालों को सौंप दिया जाता है। यह गौशाला वाले गायों की अच्छी तरह देखभाल कर रहे हैं ऐसी कोई अनियमितता नहीं पाई गई। उन्होंने बताया कि इस बीमारी से पशु के शरीर पर गाँठें बन जाती हैं और जब मक्खी-मच्छर जब इस पर बैठते हैं, तो यही इस बीमारी को अन्य स्वस्थ पशुओं में ट्रांसफ़र कर देते है।

हम समय से गाय को डॉक्टरी इलाज और देसी तरीके से भी इलाज देते रहते हैं

आर के सिंगला–ट्रेजरार गौशाला !

गौशाला के ट्रेजरार आर के सिंगला ने बताया कि तीन-चार सप्ताह पहले ही हमें इस बीमारी के बारे में पता लगा। एक चिंता का विषय है। परंतु हमें खुशी इस बात की है कि इतनी विशाल संख्या में गाय होने के बावजूद भी हम बीमारी को कंट्रोल कर पाए। हमारे पास सिर्फ 50 से 60 गाय ही इस बीमारी से ग्रस्त है। हम समय से गाय को डॉक्टरी इलाज और देसी तरीके से भी इलाज देते रहते हैं। हमने गौशाला की साफ सफाई और सप्रे का बहुत ध्यान रखा है। हमारे यहां इस बीमारी से किसी गाय की मौत नहीं हुई है।उन्होंने बताया कि इस बीमारी में गाय हाई फीवर में आ जाती हैं और निढाल होकर पड़ी रहती हैं। इलाज होने पर यह उठ पाती है। इस बीमारी से ग्रस्त गायों के लिए क्या हमने अलग बाड़ा बना दिया है ताकि उनको अलग से ध्यान रखा जा सके। उन्होंने चेयरमेन के आगे अपनी मांग व् प्रस्ताव भी रखे जिन्हे चेयरमेन ने जल्दी पूरा करने का आश्वाशन दिया !

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed