चंडीगढ़ (आर पी डब्लू न्यूज़)संदीप सरोहा 30 अगस्त

परिवार पहचान पत्र यानी फैमिली आइडी में व्यवसाय छिपाना अब अधिकांश लोगों के लिए महंगा साबित होगा। यही नहीं आमदन गलत दर्शाना भी परेशानी का सबब बनेगा। प्रदेश सरकार ने इसके लिए सरकारी अधिकारियों का अमला गांव दर गांव उतार दिया है। यह अधिकारी प्रत्येक परिवार की बारीक से बारीक जानकारी जुटाएंगे।
प्रदेश सरकार ने फैमिली आइडी को प्रत्येक सरकारी योजना के साथ जोड़ा हुआ है। काफी परिवार ऐसे हैं जिन्होंने राशन पाने व पेंशन हासिल करने की जुगत में वास्तविक व्यवसाय छिपाकर मजदूरी दर्शा दिया है। यही बस नहीं होती, ऐसे भी लोग हैं जिनके परिवार के सदस्य आठ हैं और साल भर की आमदन पचास हजार दर्शाई है। जिससे साफ है कि ऐसे परिवार के लोग हर रोज केवल 136 रुपये में ही पेट पाल रहे हैं। काफी ने तो अपनी कृषि भूमि का ब्योरा ना देकर आमदन ही जीरो लिखवा डाली है। जो कि कहीं भी गले नहीं उतर रहा है।
हालात ऐसे हैं कि अपात्र लोग सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। सरकार को ऐसी सूचनाएं हाथ लगी हैं कि धनाड्य तक गरीबी की श्रेणी में स्थान पा गए हैं। ऐसे भी लोग हैं, जिन्होंने बुढ़ापा पेंशन पाने के लिए अपनी आमदन तीन लाख से घटाकर सीधे एक लाख करवा डाली है। ऐसे में सरकार ने अब गांव दर गांव टीमें उतारी हैं, जो कि परिवारों के सही व्यवसाय, आमदन के जरिए, भूमि, कमाने वाले सदस्यों का ब्योरा एकत्रित करेंगे। इसके बाद सरकारी आंकड़े दुरुस्त किए जाएंगे। अपात्रों को एक झटके में सरकारी पेंशन व अनाज गटकने की कतार से बाहर कर दिया जाएगा।