जींद/नरवाना (आर पी डब्लू न्यूज़) राहुल हथो, 2 सितंबर:-

हुडा ग्राऊंड में चल रही कथा के दूसरे दिन कथावाचक राजेंद्र महाराज ने भगत,भगति,भगवन तीनों को विवेचन करते हुए कहा कि संसार आश्रय छनिक है तथा पतन की तरफ ले जाने वाला है। द्रोपदी ने जब पतियों, भाइयों का सहारा अपनाया तब तक दुख ही मिला लेकिन जब सांसारिक रिश्तों को भगवान ने याद किया तो समस्य दुख की निवृति हुई। राष्ट्र के उत्थान में सर्वोत्तम साधन कर्त4य, परायणता, समर्पण एवं सह चरित्रता है। इन तीनों से भटक गए। कर्म के प्रति लापरवाही ही हमारे राष्ट्र को कमजोर करती है। राष्ट्र की समृद्धशाली से प्रत्येक मानव को उन्नति प्राप्त होगी। अत: ज्ञान, यज्ञ प्रत्येक मानव को कर्मयोगी बनने की प्रेरणा देती है। जब मानव को संत शास्त्रों की शरण ले लेता है तभी उसे कर्म, भ1ित, ज्ञान की प्राप्ति होती है। दुर्योधन के जीवन में सत्संग कम तथा कुसंग ज्यादा रूप में मिला, जिसका परिणाम विनाश कारक रहा। पांडवों को परेशानियों के साथ-साथ संत एवं सत्संग दोनों प्रचुर मात्रा में मिले। श्री सिद्धि विनायक सेवा समिति के प्रधान कैलाश सिंगला और संयोजक विनोद मंगला ने बताया कि कथा के दूसरे दिन यजमान की भूमिका में आशुतोष शर्मा, अशोक गर्ग, सुरेंद्र कान्हा मौजूद रहे। इनके अलावा प्रसाद की सेवा जितेंद्र, मुकेश बतरा और मिश्रा द्वारा दी गई। इस मौके पर श्याम लाल मित्तल, सुदेश गोयल, आत्मा राम, रामबिलास, संजय भारद्वाज, सज्जन ठेेकेदार, सत्यनारायण बंसल, लाला माण्डू राम, राजन गुप्ता, नरेश, अनिल गुप्ता, सज्जन दनौदा, काकू शर्मा, संजीव त्यागी, सत्यदीप, मुकुल, रमेश गर्ग, अनिल, अर्जुन गोयल, रोहताश सिंगला व सूरजभान मौजू