आर पी डब्लू न्यूज़/राहुल हथो
- सरकार ने उठाया सार्वजनिक शिक्षा को बर्बाद करने का बीड़ा – नरेश दनौदा
- अध्यापकों की मांग को लेकर सिंसर स्कूल के बाहर ग्रमीणों ने की नारेबाजी
जींद/नरवाना 15 सितंबर:- चिराग योजना, अव्यवहारिक तबादला नीति और नई शिक्षा नीति के खिलाफ और स्कूल में अध्यापकों की मांग को लेकर आज सिंसर गाँव के अभिभावक राजकीय हाई स्कूल के गेट पर पहुँचे और सरकार की शिक्षा विरोधी नीति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और चेतावनी देते हुए कहा कि यदि अगले दो दिनों के भीतर स्कूल में अध्यापक नहीं भेजे जाते हैं तो तीसरे दिन पूरा गाँव स्कूल पहुँच जायेगा और बड़े आंदोलन की शुरुआत की जायेगी.
भारत की जनवादी नौजवान सभा के राज्य सचिव नरेश दनौदा ने कहा कि सरकार ने सार्वजनिक शिक्षा को बर्बाद करने का बीड़ा ही उठा लिया है. पहले योजना बद्ध तरीके से सरकारी स्कूलों को बदनाम किया जाता है, अध्यापकों को बदनाम किया जाता है, अध्यापकों पर पढाई के अलावा दूसरे कामों का बोझ लादा जाता है, अध्यापकों की भर्ती रोकी जाती है, दूसरी सुविधाओं को कम किया जाता है. इससे पढाई प्रभावित होती है जिससे कुछ बच्चों को मजबूरन प्राईवेट स्कूलों की ओर रूख करना पड़ता है. ऐसे में कम संख्या का बहाना बनाकर सरकार कुछ स्कूलों को मर्ज सही शब्दोंं में कहें तो बंद कर देती है. ऐसा भी नहीं है कि उन्हीं स्कूलों को मर्ज किया जाता है जहाँ बच्चों की संख्या कम होती है, पिछले दिनों 4800 स्कूलों को मर्ज किया जा चुका है. ऐसे स्कूल भी मर्ज किये गये हैं जहाँ बच्चों की संख्या 500 से भी अधिक है. नरवाना में जो स्कूल मर्ज किये गए हैं उनमें एक भी स्कूल ऐसा नहीं है जहाँ संख्या 100 से कम हो.
इस मौके पर ज्ञान विज्ञान समिति की ओर से विक्रम अली ने कहा कि हमें अपने स्कूलों को बचाने के लिए एकजुट होकर आगे आना होगा और आने वाले समय में एक मजबूत आंदोलन करने की जरूरत है.