सरकार द्वारा पॉलिथीन बैंन करने के बाद भी खुले आम हो रहा इस्तमाल, सरकार इसे पूर्ण रूप से अमल नहीं करवा पा रही
आर पी डब्लू न्यूज़/ राज्य ब्यूरो राजीव मेहता
यमुनानगर 19 सितम्बर:-सरकार द्वारा पॉलीथिन पर बेन के बाद जहाँ बड़ी संख्या मे छोटे दुकानदारों से लेकर रेहड़ी फड़ी व हॉल सेल विक्रेताओं तक के जुर्माने कटे लेकिन उसके बाद भी पूरी तरह पॉलीथिन जिले से खत्म नहीं हूई| अब तक इस पर कई बार लिखा व पढ़ा जा चूका हैं मगर पॉलीथिन पूरी तरह बंद नहीं हुआ| हमने यमुनानगर क़ी| सब्ज़ीमंडी मे इस पर एक़| रिपोर्ट तैयार क़ी और जाना आखिर समस्या कहा हैं| जो जाना व देखा वह इस प्रकार हैं| क़ी कपड़े का बेग जहाँ 1 से डेढ़ रु मे मिलता हैं वही पॉलीथिन मात्र 45 पैसे मे और बेचने वाले इस 45 पैसे मे भी मुनाफा कमाते हैं बल्कि दुकानदारों का कहना हैं रात मे ढाई बजे भी पॉलीथिन बेच कर चलते बनते हैं और इन्हे रोक पाना मुश्किल बना हुआ हैं|
वही हमने बात क़ी सब्जी मंडी के प्रधान अमृत वधावन से जिनके द्वारा न सिर्फ मंडी मे कपड़े के बेग क़ी उपलब्धत्ता सुलभ क़ी गयी बल्कि जो पॉलीथिन अभी भी इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें समझना व इसके नुकसान तक बताये| अगर आज क़ी बात करे तो सब्जी मे मंडी मे पहले क़ी तरह धड़ल्ले से तो पॉलीथिन इस्तेमाल नहीं क़र रहा यह जुर्माने का डर भी हो सकता हैं व कई जगह पर कपड़े बेग ही नजर आये|
बड़ी बात पॉलीथिन कों बंद करने मे सबसे बड़ा योगदान जनता कों ही देना होगा सब्जी या अन्य सामान खरीदते समय कपड़े का बेग घर से ले जाये ताकि आपको बेग के लिए अतिरिक्त खर्च न करना पड़े| पॉलीथिन से जहाँ पोलयुशन बढ़ता हैं बल्कि पॉलीथिन कों नष्ट होने मे भी कई साल लगते हैं इससे जमीन क़ी उर्वरक़ क्षमता तो कम होती ही हैं बल्कि इसके नुकसान बहुत हैं| जनसंधारण से अपील पॉलीथिन बेन मे सहयोग दे| कपड़े का ठेला इस्तेमाल करे ताकि प्रकृति कों संरक्षित करने मे अहम योगदान जनता का हो व रेहड़ी फड़ी से पॉलीथिन न मांगे कपड़े का बेग ही इस्तेमाल करे ताकि गरीब रेहड़ी फड़ी वाला हो या अन्य दुकानदार धीरे धीरव वह भी पॉलीथिन रखना बंद करे