आर पी डब्लू न्यूज़/ पंकज सिंह
पंचकूला 25 सितंबर – हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री चन्द्र मोहन ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि भारी बरसात के कारण किसानों की फसलों की जो तबाही हुई है उसकी तुरन्त भरपाई के लिए किसानो को 30 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से तुरंत ही मुआवजा दिया जाए और बर्बाद हुई फसलों की तुरंत ही गिरदावरी करवाकर उन्हें जितना जल्दी संभव हो सके नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा दिया जाए।

चन्द्र मोहन ने कहा कि हरियाणा सरकार प्रदेश के किसानों के प्रति असंवेदनशील है और वे , सरकार से मांग करते है कि धान और बाजरे की जो फसल भारी बारिश के प्रकोप के कारण तबाह हुई हैं उनकी तीन दिन के भीतर गिरदावरी करवाकर जितना शीघ्र हो सके । किसानों मुआवजा दिया जाए । इसके अतिरिक्त उन्होंने सरकार से यह भी मांग की है कि मंण्डियों में किसानों की फसलों की तुरंत ही खरीद शुरू की जाये।
उन्होंने कहा कि किसानों की धान और बाजरे की फसलें तैयार हैं और इस समय भारी बरसात ने जो कहर ढाया है उसके कारण धरती पुत्र किसान बेबसी और लाचारी का शिकार हो कर अपनी फसलों की तबाही को फटी हुई आंखों से देख रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले वर्ष भी किसानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा था लेकिन सरकार की अनदेखी के कारण किसानों को फसलों के नुकसान की उचित भरपाई नहीं की गई और सरकार की बेरुखी और नकारात्मक रवैये के कारण ही किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच गया है।
चन्द्र मोहन ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि बर्बाद फसलों की तीन दिन में विशेष गिरदावरी करवाकर नुकसान की भरपाई के लिए तुरंत ही कदम उठाए जाने की जरूरत है ताकि किसानों की पीड़ा और वेदना को कुछ हद तक कम किया जा सके । उन्होंने कहा कि सरकार की किसानों के प्रति जो संवेदनहीनता है उसके कारण उन्हें तिल तिल कर मरने पर मजबूर होना पड़ रहा है। इस लिए सरकार द्वारा समय रहते इस बारे में तत्परता से कार्रवाई करने की महत्ती आवश्यकता है।
चन्द्र मोहन ने कहा कि प्रदेश के किसानों को तुरन्त ही राहत की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकार से मांग की है कि किसानों को फौरी तौर पर राहत देने के लिए समन्वय करके तुरंत मुआवजा देकर किसानों के नुकसान की भरपाई की जानी चाहिए ताकि प्रदेश के किसान की परेशानियों का समुचित ढंग से निराकरण किया जा सके और उन्हें आत्महत्या करने जैसी विकट परिस्थितियों से बचाया जा सके।
चन्द्र मोहन ने कहा कि कुछ किसान धान और बाजरे की अपनी फसल मण्डियों में बरसात से पहले ही ले कर आ गए थे लेकिन सरकार की अनदेखी के कारण ही फसल खरीद की उचित व्यवस्था सरकार द्वारा नही की गई और फसलों की सरकारी खरीद ना हो पाने के कारण किसानों को अपनी फसल मंडियों में औने-पौने दामों पर बेचने पर विवश होना पड़ रहा है ,जिसके कारण किसानों को भारी नुक्सान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने दोहराया कि हरियाणा सरकार द्वारा किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का वायदा किया था लेकिन किसानों का यह दुर्भाग्य है कि उनके साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य के नाम पर धोखा किया जा रहा है।
जिन किसानों को अपनी फसलें औने-पौने दामों पर बेचनी पड़ रही है। उन्होंने मांग की है कि हरियाणा सरकार तुरन्त ही उन्हें विक्रय मूल्य और न्यूनतम समर्थन मूल्य के बीच के भावान्तर की भरपाई करके अपना वायदा पूरा करें ताकि किसानों के नुकसान को कम किया जा सके।किसान आज भी अपनी उपज की सरकारी खरीद शुरू करवाने की मांग को लेकर बारिश में मंडियों और सड़कों पर धरने देने को मजबूर हैं।