हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी का दिखा बड़ा असर, यमुना के पानी से दर्जनों गांव हुए जलमग्न
आर पी डब्लू न्यूज़/राज्य ब्यूरो राजीव मेहता

यमुनानगर27 सितंबर:- यमुना नदी में पानी का स्तर बढ़ने से यमुनानगर के कई गांव को खतरा बना हुआ है. दर्जनों गांव के खेत जलमग्न हो चुके हैं. कैत मंडी गांव के स्कूल से लेकर लापरा गांव की तरफ जाने वाला रास्ता भी पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है. लापरा गांव के घरों में भी पानी घुस चुका है

एक तरफ यमुना नदी में जहां साल 2022 का सबसे ज्यादा पानी सोमवार को रिकॉर्ड किया गया तो वहीं अब यमुना नदी के साथ लगते यमुनानगर के निचले इलाकों में यमुना नदी उफान मचा रही है. सुबह 5 बजे एक जहां यमुना नदी में हथिनी कुंड बैराज पर 297000 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया था तो वही यमुनानगर के लापरा, कैत, मंडी, साबापुर के साथ-साथ कलानौर और दर्जनों गांव के खेतों में यमुना नदी के पानी ने दस्तक देनी शुरू कर दी है. कैत मंडी गांव के स्कूल में भी लबालब पानी भरा हुआ है.

वही कैत मंडी से लापरा की तरफ जाने वाली सड़क पर खेतों से निकलकर पानी सड़कों पर आ चुका है और सड़कें जलमग्न हो चुकी है. लापरा गांव का सबसे ज्यादा बुरा हाल है यहां गांव में घरों में भी पानी घुस चुका है. ग्रामीणों का कहना है कि पहले तो किसानों को अज्ञात बीमारी की मार झेलनी पड़ी थी वही बरसात में फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया था लेकिन अब यमुना नदी के पानी से खेत जलमग्न हो चुके हैं और फसलें पूरी तरह खराब हो चुकी हैं और नदी के पानी में तरह तरह के जानवर भी बहकर आ रहे हैं. उन्होंने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए ताकि किसान प्रकृति की इस मार को झेल पाए
वहीं लापरा गांव के रहने वाले संदीप ने बताया कि गांव के करीब 100 घरों में पानी घुसा हुआ है और यह हालात पहली बार नहीं बल्कि हर बार जब भी यमुना नदी उफान पर होती है तो गांव में पानी घुस जाता है. उन्होंने बताया कि प्रशासन की तरफ से कोई इंतजाम ना होने की वजह से ग्रामीणों को हर साल यह मार झेलनी पड़ती है

वहीं पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि यमुना नदी उफान पर है और गांव में पानी घुसने का अंदेशा बना हुआ है जिसके चलते वह गांव में पहुंचे और मौके पर एंबुलेंस और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है
बात करें तो यमुना नदी में जब 70000 क्यूसेक पानी आ जाता है तो उसके बाद मिनी फ्लड घोषित कर दिया जाता है लेकिन जब 250000 क्यूसेक पानी आ जाता है तो उसके बाद अलर्ट घोषित कर दिया जाता है क्योंकि इसके बाद गांवों में पानी घुसने का खतरा बन जाता है. हालांकि अभी 297000 क्यूसेक पानी आने के बाद लापरा गांव में पानी घुसा है