हरियाणा सरकार द्वारा नौकरी से बर्खास्त किए गए 1983 पीटीआई टीचरों की जंग जारी है।
आर पी डब्लू न्यूज़/ सोहन धानिया
करनाल 6 अक्टूबर:- हरियाणा सरकार द्वारा नौकरी से बर्खास्त किए गए 1983 पीटीआई टीचरों की जंग जारी है। मुख्यमंत्री ने पीटीआई टीचरों का चूल्हा ना बुझने देने का आश्वासन दिया था, जिसे दो साल बीत चुके है और टीचरों का चूल्हा बुझ चुका है। पीटीआई टीचरों ने अपनी मांगों को लेकर जिला सचिवालय पहुंकर प्रदर्शन किया। इसके बाद सीएम के प्रतिनिधि को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। अमरनाथ सौदा ने टीचरों के मांग पत्र को मुख्यमंत्री कार्यालय में भिजवाने का आश्वासन दिया है।
वीरवार को प्रदेशभर के बर्खास्त पीटीआई टीचर करनाल में एकत्रित हुए और बैठक। जिसके बाद पीटीआई टीचरों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करते हुए टीचर जिला सचिवालय पहुंचें। प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
संरक्षक सज्जन कुमार व प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सीएम मनोहर लाल ने छह अक्तूबर 2020 को आश्वासन दिया था कि पीटीआई साथियों का चूल्हा नहीं बुझने दिया जाएगा, लेकिन दो साल हो चुके है और सीएम साहब ने कोई सुध नहीं ली। पीटीआई टीचर दो साल से अपने घरों में बैठे है, उनका चूल्हा बुझ चुका है, उन्हें कोई नौकरी नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि माननीय कोर्ट के मार्फत पीटीआई टीचरों को बर्खास्त किया गया था लेकिन उसमें कुछ कमियां सरकार की रही थी। अगर समय पर सरकार जवाब सहीं देती तो टीचर बर्खास्त ही नहीं होते। कुछ टीचर ऐसे भी थे, जिनका सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था लेकिन वे आज भी कार्यरत है। उन्होंने बताया कि वे आज सिर्फ इस लिए एकत्रित हुए है कि वे मुख्यमंत्री को उनका वायदा याद दिला दें और उन्हें दोबारा नौकरियों पर रखा जाए। उन्होंने बताया कि वे अपने हक की लड़ाई के लिए सड़कों पर उतरकर संघर्ष कर रहे है और मुख्यमंत्री अपना वायदा भूल चुके है। सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा तो देती है लेकिन जो बेटियां पीटीआई टीचर थी, वे सड़कों पर प्रदर्शन करने को मजबूर है। सरकार अपना वायदा पूरा करें।
सीएम के प्रतिनिधि अमरनाथ सौदा का प्रदर्शनकारी पीटीआई टीचरों ने सीएम आवास पर ज्ञापन सौंपा। जहां पर अमरनाथ सौदा ने प्रदर्शनकारी टीचरों को आश्वासन दिया कि उनके मांग पत्र को सीएम कार्यालय भिजवा दिया जाएगा