आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट
पलवल 8 अक्टूबर:- कृषि एवं किसान कल्याण विभाग पलवल द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर आज जिला स्तरीय किसान सम्मेलन स्थानीय नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्टेडियम में आयोजित किया गया। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. पवन कुमार शर्मा,जिला बागवानी अधिकारी डा.अब्दुल रज्जाक,कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठï संयोजक डॉ.डी.वी.पाठक,प्रगतिशील किसान कल्ब के प्रधान बिजेंद्र दलाल भी मौजूद रहे। किसान सम्मेलन में सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं की प्रर्दशनियां,फसल अवशेष प्रबंधन के उपकरण,किसान गोष्ठïी,सेमीनार तथा प्रश्रोत्तरी का आयोजन किया गया और विजेता किसानों को पुरूस्कार देकर सम्मानित किया गया। किसान सम्मेलन में रक्तदान शिविर भी लगाया गया। किसान सम्मेलन में किसानों को कृषि संबंधित नवीनतम तकनीकी की जानकारी दी गई।

कृषि उपनिदेशक डा. पवन कुमार शर्मा ने बताया कि जिला स्तरीय किसान सम्मेलन में पलवल जिले से करीब 14 सौ किसानों ने भाग लिया है। किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की गई है। मेले में विभिन्न कृषि उपकरणों की स्टॉल लगाई गई है,किसानों द्वारा स्टॉलों पर जाकर कृषि से संबंधित आधुनिक तकनीकों के बारे में जानकारी हांसिल की गई है,ताकि किसान कृषि की नवीनतम तकनीक से खेती कर सके और आर्थिक लाभ कमा सके। किसान मेले में सेल्फ हेल्फ ग्रुप द्वारा भी स्टॉल लगाई गई है। जिसमें जूट से बने हुए उत्पाद,अचार व शहद के बारे में किसानों ने जानकारी ली। उन्होंने बताया कि खाद,बीज,कीटनाशक दवाईयों का उत्पादन करने वाली कंपनियों ने भी किसानों को अपने उत्पादों के बारेे में जानकारी दी। मेले में किसानों को उन्नत किस्म के बीजों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है। रवी सजीन में सरसों व गेहूं के बीजों की बिक्री के लिए भी स्टॉल लगाए गए। उपनिदेशक डा. पवन कुमार शर्मा ने कहा कि धान की कटाई के उपरांत किसान खेतों में पराली में आग लगा देते है,जिससे पर्यावरण प्रदूषण होता है और भूमि की ऊवर्रक शक्ति भी नष्टï होती है। किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में बताया गया है कि किसान कृषि विभाग द्वारा स्थापति कस्टम हायरिंग सेंटर पर जाकर कृषि यंत्रों की मदद से फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन कर सकते है। प्रदेश सरकार की योजना के अनुसान किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए एक हजार रूपए प्रति एकड़ के हिसान से अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि फसल अवशेषों को न जलाऐं बल्कि उनका उचित प्रबंधन करने से भूमि की ऊपजाऊ शक्ति को बढाऐं।

प्रगतिशील किसान कल्ब के प्रधान बिजेंद्र दलाल ने बताया कि जिला स्तरीय किसान सम्मेलन में किसानों को विभिन्न विषयों पर जानकारी दी गई। मुख्यत: किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा आधुनिक कृषि यंत्र बनाए गए है। जिनकी मदद से फसल अवषेशों का प्रबंधन कर सकते है और किसान फसल अवशेषों से आय अर्जित कर सकते है। फसलों के अधिक उत्पादन के लिए कृषि उत्पाद बनाने वाली अनेक कंपनियों ने किसानों को जागरूक किया है। कृषि विशेषज्ञों ने अपने अपने विषयों के बारे में किसानों को फसल की बिजाई का समय,फसलों में होने वाले रोग व कीटनाशक दवाईयों का प्रयोग के बारे में बताया गया है। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा कृषि एवं किसान कल्याण विभााग के माध्यम से किसानों के हित में चलाए जा रहे अभियान से जुडे और सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाऐं।

गांव बामनीखेड़ा के किसान दीपचंद ने बताया कि मेले में किसानों को कृषि यंत्रों सुपर सीडर,हेल्पीसीडर,उन्नत किस्म के बीजों,दवाईयों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है। कृषि वैज्ञानिकों ने जैविक खेती करने तथा भूमि के स्वास्थ्य में सुधार करने तथा कीटनाशक दवाईयों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई है। खासकर किसानों को फसल अवशेष न जलाने के बारे में बताया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों को फसल अवशेष नहीं जलाने चाहिए। फसल अवशेषों की गाठें बनाकर बेचें। फसल अवशेषों को कृषि यंत्रों की मदद से भूमि में मिलाऐं। इससे भूमि की ऊर्वरक शक्ति लगातार बढेगी और फसलों का उत्पादन भी अधिक होगा।

गांव लोहिना के किसान महेंद्र सिहं ने बताया कि किसान मेले में आकर फसल अवशेषों को न जलाने के बारे में जानकारी मिली है। धान की फसल की कटाई के बाद किसान फसल अवशेषों को जला देते थे लकिन अब किसानों ने संकल्प लिया है कि फसल अवशेष न जलाऐं। मेले में किसानों को नैनो यूरिया के बारे में बताया गया है कि नैनों यूरिया के छिडकाव से फसलों का उत्पादन बढ़ता है। उन्होंने कहा कि मेले से किसानों को कृषि से संबंधित अनेक जानकारी प्राप्त हुई है।