आर पी डबलू न्यूज / राजीव मेहता
यमुनानगर 8 नवंबर :- ऋषी-मुनियों, पीर-पैगम्बरों तथा तपस्वियों की भूमि भारत वर्ष में अनेकों त्यौहार एवं मेलों का अपना विशेष महत्व है। महर्षि वेद व्यास की कर्म स्थली बिलासपुर में हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित होने वाला धार्मिक एवं ऐतिहासिक श्री कपाल मोचन-श्री आदि बद्री मेला एक ऐसा अनोखा मेला है जिसमें सभी धर्मों के यात्री एवं श्रद्धालु आते हैं इससे लोगों में आपसी भाईचारा व सद्भावना बढ़ती है।

कपाल मोचन मेले का आयोजन प्राचीन समय से हो रहा है और इसकी ऐतिहासिक प्रासंगिकता है। मेला में विभिन्न विभागों तथा धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का श्रद्घालूओं द्वारा अवलोकन भी किया जा रहा है, जिसमें लगभग 40 स्टाल लगाए गए हैं।
मेले में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों से श्रद्घालू आते हैं। पंजाब के जिला पटियाला से आए गुरचरण सिंह ने कहा कि वे पिछले कई सालों से इस मेले में अपने परिवार सहित आते हैं। उन्होंने बताया कि श्रद्धालु सच्चे मन, ईमानदारी व मनोकामना की पूर्ति की इच्छा से श्री कपाल मोचन-श्री आदि बद्री मेला में आते हैं और उनकी इच्छा अवश्य पूर्ण होती है। इसी वजह से हजारों वर्ष बीत जाने के बाद भी श्रद्धालु उतने ही उत्साह से आज भी यहां आते हैं।
“रात को 12 बजे गुरु पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं में शाही स्नान को लेकर यह मान्यता है कि यंहा पर सबसे पहले कपाल मोचन यानी गाउ बछा घाट पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते है उसके बाद ऋण मोचन घाट पर ओर सबसे अंत मे सूर्या कुंड में डुबकी लगाकर अपने अपने घर के लिए रवाना हो जाते है । जिसके उपरांत कुछ श्रद्धालु सुबह का इंतजार करते हुए अपने घर की ओर रवाना होने शुरू हो गए । जिसमें लगभग सैट लाख श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाते हुए अपने पुण्य कर्मों को कम किया ।

मान्यता है कि यहां पर भगवान श्री रामचन्द्र जी, श्री कृष्ण जी व शिव महादेव के साथ-साथ श्री गुरू नानक देव जी तथा श्री गुरू गोबिंद सिंह जी पधारे थे। यह मेला राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है, जिसमें देश के कोने-कोने विशेषकर पंजाब से श्रद्धालु भाग ले रहे हैं। तीर्थराज कपाल मोचन में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश व अन्य प्रदेशों से श्रद्घालु आते है उल्लेखनीय है कि महर्षि वेद व्यास की कर्म स्थली बिलासपुर में हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित होने वाला धार्मिक एवं ऐतिहासिक श्री कपाल मोचन- श्री आदि बद्री मेला एक ऐसा अनोखा मेला है जिसमें सभी धर्मों के यात्री एवं श्रद्धालु आते हैं इससे लोगों में आपसी भाईचारा व सद्भावना बढ़ती है।