
चंडीगढ़/पंचकुला 16 फरवरी
कुछ राजनैतिक दलों द्वारा चुनावी मंच पर जिस प्रकार से धर्म के नाम पर वोट मांगे जा रहे हैं ऐसे राजनेतिक दलों पर तुरन्त प्रतिबन्ध लगाया जाये । यह बात अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार ऑब्जर्वर्स के अंतरराष्ट्रीय निदेशक यतीश शर्मा ने एक प्रेसविज्ञप्ति जारी करते हुए कही ।
उन्होंने कहा भारत देश में जिस प्रकार से कुछ राजनेतिक दलों द्वारा चुनावी मंच पर धार्मिक नारे लगा वोट मांगे जा रहे हैं उससे आवाम के कई धार्मिक संगठनों की भावनाओ पर ठेस लग रही हैं । जिससे आने वाले समय में भारत की एकता और आपसी भाईचारे में तनाव की स्थिति उतपन्न होने के आसार साफ नजर आते दिख रहे हैं।
यतीश शर्मा ने कहा कि पिछले कई वर्षों से कुछ राजनैतिक दलों द्वारा धर्म के नाम पर देश की आवाम को भड़काने की कोशिश की जा रही है । भारत देश एक लोकतांत्रिक देश है । इस देश मे हर धर्म के भारतीय नागरिक रहते हैं । ऐसे में अगर कोई राजनैतिक दल धर्म के नाम पर राजनीति करता है तो वह दल देश की आवाम को धार्मिक भावनाये आहत करने का दोषी बनता है । हमारा सविधान ऐसे लोगो के खिलाफ देशद्रोह की कारवाई करने का संज्ञान रखता है ।
उन्होंने कहा कि इस लोकतांत्रिक देश मे सब को अपनी बात रखने का पूरा हक देता है । मगर अगर कोई राजनेतिक दल सविधान के तहत बने कानून का उलंघन करता है तो हमारे सविधान में बने कानून के तहत उस पर कानूनी कारवाई बनती है ।
यतीश शर्मा ने देश के राष्ट्रपति , चीफ जस्टिस उच्चतम न्यायालय व चुनाव आयोग से विनती की है कि अगर कोई भी राजनैतीक दल चुनावी मंच पर नागरिकों को सम्बोधित करता है तो वह अपने दल द्वारा वोट मांगने के लिए अपने मेनिफेस्टो व किये गये विकास कार्यों को लेकर वोट मांगे । धर्म के नाम पर अगर कोई भी राजनैतीक दल मंच पर धर्म के नाम पर वोट मांगता है तो उस पर कानूनी कारवाई हो और उस राजनैतिक दल की मान्यता पर तुरन्त प्रतिबन्ध लगाया जाये । ताकि देश की एकता , संस्कृति और आपसी भाईचारे पर कोई फर्क ना पड़े ओर देश का हर नागरिक आपसी प्यार से देश की एकता व भाईचारा कायम रख देशद्रोही ताकतों को मुँह तोड़ जवाब दे सके ।
बिल्कुल सही बताया हैं जी, सविधान और इंसानियत का अपमान सहन नही हो पायेगा,