
आर पी डब्लू न्यूज/राजीव मेहता
गांव महुआखेड़ी में ग्रास रूट पर आयोजित किया गया कार्यक्रम।
इस मौके पर आयोजित कानूनी जागरूकता कैम्प में दी गई विभिन्न कानूनों की जानकारी।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बाला की सचिव एवं सीजेएम डॉ. सुखदा प्रीतम ने युवाओं से नशे से दूर रहने का किया आह्वान।
सीजेएम ने ग्रामवासियों द्वारा रखी गई समस्याओं के समाधान के लिए सम्बंधित विभागों को दिये निर्देश।
मुफ्त कानूनी सहायता व लोक अदालत के महत्व के बारे में भी दी गई जानकारी।

अंबाला/नारायणगढ़, 17 जनवरी :- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बाला की सचिव एवं सीजेएम डॉ. सुखदा प्रीतम ने कहा कि नशे का सेवन करने वाला व्यक्ति पतन की ओर जाता है। इसलिए स्वयं भी नशे से दूर रहे और दूसरे लोगों को भी नशा न करने के लिए प्रेरित करें। सीजेएम आज गांव महुंआखेड़ी में ग्रास रूट पर आयोजित कार्यक्रम एवं कानूनी जागरूकता कैम्प में उपस्थित ग्रामवासियों को सम्बोंधित कर रही थी। इस अवसर पर उन्होंने ग्रामवासियों व आंगनवाड़ी वर्करस से बातचीत भी की। उन्होने कहा कि युवा पीढी शिक्षा के साथ-साथ खेल आदि गतिविधियों में भाग लें और नशीले पदार्थो के सेवन से दूर रहे। इसके लिए माता-पिता एवं अभिभावक अपने बच्चों को शिक्षा दिलाएं और उन्हें सशक्त बनाये।

इस मौके पर सीजेएम डॉ. सुखदा प्रीतम ने गांववासियों की समस्याएं भी सुनी और उनके समाधान भी बताये। उन्होंने मुफ्त कानूनी सहायता एवं लोक अदालत के महत्व के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लोक अदालतों में जहां कानूनी औपचारिकताओं से हटकर दोनों पक्षों की सहमति से आपसी विवादों का निपटान किया जाता है। ऐसा होने से न केवल आपसी तनाव समाप्त होता है बल्कि समाज में भाई चारा बढता है तथा लोगों के धन व समय की बचत होती है।
इस अवसर पर पैनल अधिवक्ता अंकुर पासी ने कहा कि वर्ष 1947 में आजादी के बाद देश में यद्यपि प्रत्येंक क्षेत्र में उन्नति हुई लेकिन कानूनी क्षेत्र में विशेषकर गांव में लोग अपने अधिकारों के बारें में जानकारी के अभाव के कारण अनभिज्ञ रहे। उन्होंने कहा कि गरीब से गरीब आदमी को कानून के माध्यम से उसके अधिकार दिलाने के लिए वर्ष 1987 में देश में विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन किया गया। जिसके अन्तर्गत लोगों को उपमण्डल से लेकर सर्वोच्चय न्यायालय तक मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध करवाने के साथ-साथ लोक अदालतों के बारें में भी जानकारी दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि मुफ्त कानूनी सहायता के तहत तीन लाख रूपये वार्षिक आय वाले लोगों को तथा महिलाओं को मुफ्त कानूनी सहायता के तहत न केवल योगय वकील की सेवाये मुफ्त प्राप्त होती है बल्कि अदालत का सारा खर्च भी प्राधिकरण द्वारा वहन किया जाता है।
गांव की मांगों एवं समस्याओं से सम्बंधित एक पत्र भी सरपंच द्वारा सीजीएम को सौंपा। इसके अलावा कुछ ग्रामवासियों ने प्रार्थना पत्र के माध्यम से आधार कार्ड, बीपीएल कार्ड, परिवार पहचान पत्र आदि से सम्बंधित अपनी समस्याएं भी रखी। सीजेएम ने इन समस्याओं के समाधान हेतू सम्बंधित विभागों को दिशा-निर्देश दिये तथा पैनल अधिवक्ता अंकूर पासी को निर्देश दिये कि वे सम्बंधित विभागों से सम्पर्क करके समस्याओं का समाधान करवायें। सीजेएम ने आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से जो जानकारी दी गई है उसे जनहित में लोगों तक पहुंचाने के लिए काम करें। इस मौके पर अधिवक्ता अरूण बंसल तथा मनीष, पीएलवी मुकेश, सरपंच सुदेश देवी, गुरविन्द्र सिंह सहित आस-पास के गांवों के सरपंच सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
इसके अलावा सी जे एम एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बाला डा. सुखदा प्रीतम ने ग्राम कानूनी सहायता केंद्रो का निरीक्षण किया व उपस्थित सक्षमो को आवश्यक दिशा निर्देश दिए जिससे जन साधारण मुफत कानूनी सेवओं का लाभ उठा सके।