बेटियों ने पेंटिंग व स्लोगन बना कर दिखाई अपनी प्रतिभा

आर पी डब्लू न्यूज़/अभिषेक ठाकुर
भिवानी, 28 जनवरी :-डीसी नरेश नरवाल के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय बालिका दिवस सप्ताह जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम करके मनाया जा रहा है। यह सप्ताह 30 जनवरी तक मनाया जाएगा| इसी कड़ी में भिवानी के बाल सेवा आश्रम के प्रांगण में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रुप में हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ. मांगेराम ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता कानूनी सह परिवीक्षा अधिकारी राजकुमार कोठारी ने की। इस अवसर पर बेटियों ने पेंटिंग व स्लोगन बना कर अपनी प्रतिभा दिखाई। आश्रम की बेटियों ने आए हुए अतिथियों का स्वागत गीत गाकर अभिनंदन किया। मुख्यातिथि का बाल सेवा आश्रम के मैनेजर वेद प्रकाश आर्य ने फूलों का गुलदस्ता देकर व शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।आयोग के सदस्य डॉ. मांगेराम ने कहा कि बालिकाएं देश का भविष्य है। बालिकाओं की सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है। बेटी है तो कल है, बेटियां किसी सौगात से कम नहीं होती। लेकिन अक्सर लोग ये बात भूल जाते है, और नन्ही बेटियों को लिंग के आधार पर होने वाले भेदभाव की बेड़ियां पहना देते हैं। हालांकि बदलते जमाने के साथ स्थिति में कई सारे सकारात्मक बदलाव आए हैं। जिसमें बड़ा हाथ सरकार का भी है, जो लगातार देश की बेटियों के गौरवशाली भविष्य, सफल जीवन, और पढ़े लिखे बेहतर कल को सुनिश्चित करने में लगातार प्रयास कर रही है।

ऐसे ही बेटियों के सम्मान में, हर साल इस दिन नेशनल गर्ल चाइल्ड डे मनाया जाता है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए इस दिन का मूल उद्देश्य लड़कियों की झोली में बहुत सारा समर्थन तथा बेहतरीन अवसर प्रदान करने का है।बालिकाओं के उज्जवल भविष्य के सपने को पूरा करने के लिए सरकार और पूरा देश तेजी से अग्रसर है।कानूनी सह परिवीक्षा अधिकारी राजकुमार कोठारी ने कहा कि दिन देश की बेटियों को समर्पित किया जाता है। इस दिन की शुरुआत साल 2008 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा की गई थी। ताकि महिलाओं और बच्चियों के साथ हो रहे अन्यायों के प्रति जनता को जागरूक किया जा सके। और लिंग के आधार पर होने वाले भेदभावों को जड़ से खत्म किया जा सकें। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार ने रेणुका चौधरी के नेतृत्व में गर्ल चाइल्ड डे की पहल की गई थी। साल दर साल आती जाती सरकारों ने लड़कियों के बेहतर कल के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। जिनमें पढ़ाई, पोषण और स्वास्थ्य को सबसे ऊंचा दर्जा दिया गया है। इन्हीं क्षेत्रों में और सुधार हेतु, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, बेटी है तो कल है, सेव गर्ल चाइल्ड जैसे अभियानों को लॉन्च किया गया है। बेटियों के जन्म से पूर्व मार दिया जाता है जो की भ्रूण हत्या करने या बेटियों को गर्भ में मरवाना कानूनी अपराध है। आश्रम मैनेजर वेद प्रकाश आर्य ने बताया कि राष्ट्रीय बालिका दिवस के दिन लड़कियों पर होने वाले इन सारे अत्याचारों के प्रति जनता को जागरूक करता है। साथ ही इनके खिलाफ आवाज उठाने का प्रयास करता है। ताकि देश की बेटियों की स्थिति बेहतर होती चली जाए। सरकार द्वारा लागू किए गए अभियानों की बदौलत ही आज महिला शिक्षा और स्वास्थ्य के लेवल में सकारात्मक बदलाव आया है। अंत में वेद प्रकाश आर्य ने आए हुए अतिथियों का धन्यवाद किया। इस अवसर पर डॉ. मांगेराम ने पेंटिंग व स्लोगन बनाने वाली बेटियों को इनाम देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर बाल सेवा आश्रम के सुपरवाइजर हरेंद्र तंवर, सामाजिक कार्यकर्ता रिंकू सहित आश्रम स्टाफ उपस्थित रहे।