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आर पी डब्लू न्यूज़/अभिषेक ठाकुर
– गांव झुप्पा की सुमन सफल मच्छली पालक बन कमा रही है साढ़े आठ लाख रूपए प्रतिवर्ष
– सरकार स्वरोजगार के लिए चला रही है अनेक लाभकारी योजनाएं
भिवानी, 16 मार्च:- सरकार द्वारा आमजन के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए अनेक स्वरोजगार परक योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं में से मत्स्य विभाग की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना स्वरोजगार में वरदान साबित हो रही है। इस योजना को अपनाकर जिला से अनेक महिला व पुरूष सफल व्यवासी बन रहें है। इसी कड़ी में गांव झुप्पा की सुमन भी झींगा पालन में प्रति वर्ष साढ़े आठ लाख रूपए कमा रही हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल द्वारा किसानों की आय को बढ़ाने के लिए कृषि में आधुनिक तकनीक, उद्यान आदि सहित मच्छली पालन पर पूरा जोर दिया जा रहा है। मत्स्य विभाग द्वारा मछली पालन के प्रोजेक्ट पर महिला व अनुसूचित जाति को 60 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है। इसी प्रकार सामान्य वर्ग व पिछड़े वर्ग को 40 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है। डीसी नरेश नरवाल के निर्देशानुसार जिला में मत्स्य पालन विभाग द्वारा लोगों को झींगा मच्छली पालन के प्रति जागरूक किया जा रहा है, जिसका असर साफतौर पर दिखाई दे रहा है। परिणाम स्वरूप जिला में फिलहाल लगभग 225 एकड़ में झींगा पालन किया जा रहा है। पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं मच्छली पालन व्यवसाय को अपनाकर लाखों रूपए कमा रही हैं।
सुमन ने कोविड-19 के बाद शुरू किया मच्छली पालन और प्रतिवर्ष कमा रही है साढ़ आठ लाख रूपए
सुमन अपने परिवार के साथ एनसीआर (गुरुग्राम) में अपना व्यवसाय करती थी, लेकिन कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान उन्हें अपने गांव आना पड़ा क्योंकि लॉकडाउन लंबी अवधि के लिए था। इसलिए उस अवधि के दौरान उन्हें लगा कि गांव में ही कोई कार्य करना चाहिए तो उन्होंने काम की तलाश करने पर पाया कि आस-पास के क्षेत्रों में झींगा पालन किया जा रहा है। सुमन ने भी झींगा पालन के लिए डीएफओ कार्यालय भिवानी से संपर्क किया और इस बारे विस्तार से जानकारी हासिल की। सुमन ने गांव झुंपा में अपने साथी विनोद और कमलेश के साथ मिलकर झींगा पालन शुरू किया और आज वह एक प्रतिवर्ष साढ़े आठ लाख रूपए कमाकर सफल मच्छली पालक बन चुकी हैं।
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प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत बढ़ रहा है झींगा पालन का क्षेत्र: सिंकदर सांगवान
जिला मत्स्य अधिकारी सिकंदर सांगवान ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एक ऐसी योजना है, जिसके माध्यम से मछली पालन व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों की आय में वृद्धि करने के साथ ही उनके जीवन स्तर में सुधार करना है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण शिविर लगाकर लोगों को झींगा पालन के बारे में जागरूक किया जा रहा है। लोग झींगा पालन हेतू सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुदान राशि का लाभ उठा रहे हैं। धीरे-धीरे झींगा पालन का दायरा बढ़ता जा रहा है। इसके लिए समय-समय पर जागरूकता शिविर भी आयोजित किए जाते हैं। झींगा पालन खारे पानी में होता है, जो कि सिवानी व लोहारू क्षेत्र में सबसे अधिक है।
मत्स्य पालन व्यवसाय से जुड़े मत्स्य पालकों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में पीएमएमएसवाई वरदान सिद्ध हो रही है: डीसी
डीसी नरेश नरवाल ने बताया कि सरकार प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत जलीय कृषि को बढ़ावा देना चाहती है। सरकार द्वारा मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। यह योजना मत्स्य पालन व्यवसाय से जुड़े मत्स्य पालकों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में वरदान सिद्ध हो रही है। योजना के तहत 40 से 60 प्रतिशत वित्तीय सहायता का प्रविधान किया गया है। डीसी ने कहा कि इस योजना के तहत झींगा मच्छली पालन को लेकर मत्स्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे लोगों को स्वरोजगार हेतू जागरूक करें। पुरूषों के साथ-साथ महिलाओं द्वारा झींगा पालन करना आत्मनिर्भरता की एक तरफ बढ़ता कदम है। अन्य महिलाएं भी झींगा पालन कर अपनी कमाई बढ़ा सकती हैं।