
आर पी डब्लू न्यूज़/अभिषेक ठाकुर
भिवानी, 02 मई:- हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की योजनाएं आमजन के अनुकूल हैं। हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम का उद्देश्य अनुसूचित जाति के सदस्यों को विभिन्न आय उपार्जन योजनाओं के लिए वित्तिय सहायता उपलब्ध करवाकर उनका जीवन स्तर ऊँचा उठाना है। इन योजनाओं के तहत अनेक प्रकार के व्यवसाय कर सकता है।
हरियाणा अनुसूचित जाति एवं वित्त एंव विकास निगम द्वारा अनुसूचित जाति के सदस्यों के लिए जिनकी वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्रों में 49 हजार रूपये तथा शहरी क्षेत्रों में 60 हजार रूपये तक हो तथा उनका नाम बी.पी.एल. सर्वेक्षण सूचि में अंकित होना चाहिए। बैकों के सहयोग व राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम के वित्तिय सहयोग से स्वरोजगार के लिए हथकरघा, बैंडबाजा, फोटोग्राफी, ब्युटीपार्लर, बूटिक दवाईयों की दुकान, स्टेशनरी / किताबों की दुकान, फर्नीचर अथवा ईमारती लकड़ी का कार्य, मुर्गी पालन, आटा चक्की, कम्पयूटर का कार्य, फोटोस्टेट कम एस.टी.डी., ओटो रिपेयर, पशु पालन में भैंस पालन, सुअर पालन, भेड़ पालन, मोटर साईकिल के पुर्जे बनवाना, माचिस बनाना, चमड़ा व चमड़े के कार्य, लकड़ी का काम/आरा मशीन, साबुन बनाना, मोमबती बनाना, टायर रिंटूडिंग, दरी बनाना, कागज के लिफाफे, चाय की दुकान, मिठाई की दुकान, पान की दुकान, आटो रिक्शा / साइकिल रिक्शा की दुकान, स्टेशनरी की दुकान, फोटोग्राफी, कपड़े की दुकान, दवाईयों की दुकान, फलों की दुकान, खेल के सामान की दुकान, क्रोकरी की दुकान, सीमेंट की दुकान, जुता मुरम्मत, किरयाणे की दुकान, बुटिक तथा ई-रिक्शा आदि के स्वरोजगार अपनाने के लिए ऋण सहायता दी जाती है। यह ऋण सहायता पर सब्सिडी भी दी जाती है और आसान किश्तो में देय करनी होती है। योजनाओं की अधिक जानकारी के लिए वेबसाईट एचएसएफडीसीडॉटओआरजीडॉटईन पर देख सकता है और आवेदन किसी भी अन्तयोदय / सरल सेवा केन्द्र से कर सकता है।