
आर पी डब्लू न्यूज़/अभिषेक ठाकुर
लोक अदालत में रखे केसों में होती है समय व पैसे की बचत
भिवानी, 8 मई:- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन व जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक अग्रवाल के निर्देशानुसार 13 मई को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। राष्ट्रीय लोक अदालत में रखे केसों में समय व पैसे की बचत होती है और इसमें सुनाए गए फैसले के विरूद्घ अपील नहीं की जा सकती है।यह जानकारी देते हुए सीजेएम कपिल राठी ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 13 मई को जिला व मंडल स्तर पर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि लोक अदालत वैकल्पिक विवाद समाधान की एक प्रणाली है, जो भारत में बदलते समय के साथ एक प्रणाली के रूप में स्थापित हुई है। लोक अदालतें न केवल लंबित विवाद या पार्टियों के बीच उत्पन्न होने वाले विवादों को सुलझाती हैं, बल्कि यह सामाजिक सद्भाव को भी सुनिश्चित करती है क्योंकि विवाद करने वाले पक्ष अपने मामलों को अपनी पूर्ण संतुष्टि के साथ सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाते हैं।सीजेएम श्री राठी ने बताया कि न्यायालय में लंबित मामलों को परस्पर सहयोग व सौहार्दपूर्ण माध्यम से निपटाने के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि लोक अदालत में दोनों पक्षों की आपसी सहमति व राजीनामे से सौहार्दपूर्ण वातावरण में पक्षकारों की रजामंदी से विवाद निपटाया जाता है। इससे शीघ्र व सुलभ न्याय, कहीं कोई अपील नहीं, अंतिम रूप से निपटारा, समय की बचत जैसे लाभ मिलते हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक लोन से संबंधित मामले, मोटर एक्सीडेंट, एनआई एक्ट, फौजदारी, रेवेन्यू, वैवाहिक विवाद का निपटारा किया जाता है।राष्ट्रीय लोक अदालत आपसी सहमति से हल होने वाले मामलों में कारगर सिद्ध हो रहीं : सीजेएमसीजेएम कपिल राठी ने बताया कि आपसी सहमति से हल होने वाले मामलों में राष्ट्रीय लोक अदालत बहुत ही कारगर सिद्ध हो रही हैं। लोक अदालत में सुनाए गए फैसले की भी उतनी ही अहमियत है, जितनी सामान्य अदालत में सुनाए गए फैसले की होती है। उन्होंने बताया कि लोक अदालत में सुनाए गए फैसले के खिलाफ अपील दायर नहीं की जा सकती। लोक अदालत में सस्ता और सुलभ न्याय मिलता है। इन राष्ट्रीय लोक अदालतों के माध्यम से लोगों का बिना समय व पैसा गवाएं केसों का समाधान किया जाता है। लोक अदालतों में ना तो किसी पक्ष की हार होती है और ना ही जीत बल्कि दोनों पक्षों की आपसी सहमति से विवादों का समाधान करवाया जाता है। उन्होंने नागरिकों का आह्वान किया है कि वे अधिक से अधिक अपने केसों को राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटाएं।