
आर पी डब्लू न्यूज़/अभिषेक ठाकुर

भिवानी, 10 मई:- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन व जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक अग्रवाल के निर्देशानुसार सीजेएम-कम-सचिव कपिल राठी के मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से स्थानीय शहरी क्षेत्र के खाड़ी मोहल्ला की आंगनबाड़ी में ग्रास रूट कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं को कानूनी सहायता प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले जरूरतमंदों को कानूनी जानकारी दे सकें।ग्रास रूट कार्यक्रम में पैनल अधिवक्ता सोनाली तंवर और पीएलवी यशवीर सिंह ने आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं को विस्तार से कानूनी जानकारी दी। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कानूनी जानकारी देते हुए बताया कि दूर-दराज के लोगों को अगर किसी तरह की कानूनी सहायता की जरूरत होगी, तो वे अपने क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से संपर्क कर सकते हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तक उनकी बात पहुंचाएंगी। इस तरह जरूरतमंद व्यक्ति की कानूनी मदद की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि किशोर न्याय एवं संरक्षण अधिनियम के तहत बच्चों को भीख मांगने में लगाने या प्रयोग करने वाले व्यक्ति को दोषी पाए जाने पर पांच साल की सजा का प्रावधान है। भीख मांगते बचाए गए बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर उन्हें शेल्टर होम में भेजा जाता है। प्राधिकरण की तरफ से सभी थाना चौकियों में स्पेशल जूवेनाइल पुलिस आफिसर की नियुक्ति की गई है, जो भी व्यक्ति बच्चों को भीख मांगने के लिए बाध्य करते हैं या काम पर रखते हैं, उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाएं। उन्होंने जमीनी स्तर पर आंगनबाड़ी वर्कर्स व महिलाओं को मौलिक कर्तव्य व अधिकार, राष्ट्रीय लोक अदालत, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, पीडि़त मुआवजा योजना, मताधिकार का महत्व और कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम की भूमिका के बारे में विस्तार से जानकारी दी।