
आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट
फ़तेहबाद दिसंबर 26:-अत्यधिक सर्दी के चलते शीत-घात से बचाव को लेकर जिला प्रशासन ने सरकार के निर्देशानुसार विशेष एडवाइजारी जारी की है। जिला प्रशासन ने नागरिकों को सर्दी से बचाव के लिए सावधानी बरतने की अपील की है। उल्लेखनीय है कि इन दिनों शीत लहर का भारी प्रकोप चल रहा है। न केवल अत्यधिक ठंड, बल्कि पूरा-पूरा दिन धुंध रहती है, ऐसे में लोगों को सर्दी की जकडऩ में आना स्वाभाविक है। लेकिन जरा सी सावधानी बरतकर शीत घात से बचा जा सकता है। इसलिए सरकार के निर्देशानुसार जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी कर नागरिकों से विशेष सावधानी बरतने की अपील की है।
क्या करें और क्या न करें:-
शीत- घात से पहले समौसम पूर्वानुमान के लिए रेडियो/टीवी/समाचार पत्र जैसे सभी मीडिया प्रकाशन का ध्यान रखें ताकि यह पता चल सके कि आगामी दिनों में शीत लहर की संभावना है या नहीं। सर्दियों लिए पर्याप्त कपड़ों का स्टॉक करें। घर मे ठंडी हवा के प्रवेश रोकने हेतु दरवाजों तथा खिड़कियों को ठीक से बंद रखे। फ्लू, नॉक बहना / भरी नाक या नाक बंद जैसी विभिन्न बीमारियों की संभावना आमतौर पर ठंड में लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण होती हैं। इस तरह के लक्षणों से बचाव हेतु आवश्यक सावधानी बरतें तथा स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों या डॉक्टर से परामर्श करें।
शीत घात के दौरान क्या करें:-
जितना हो सके घर के अंदर रहें और ठंडी हवा, बारिश, बर्फ के संपर्क को रोकने के लिए कम यात्रा करें। ऐसे गर्म कपड़े पहनें ताकि ठंड बिल्कुल न लगे। तंग कपडे खून के बहाव को रोकते हैं, इनसे बचें। खुद को सूखा रखें और पानी में भीगने से बचें। शरीर की गरमाहाट बनाये रखने हेतु अपने सिर, गर्दन, हाथ और पैर की उंगलियों को पर्याप्त रूप से ढके। गीले कपड़े तुरंत बदलें। हाथों में दस्ताने रखें। फेफडों को बचाने के लिए मास्क का प्रयोग करें। सिर पर टोपी या मफलर रखें। शराब का सेवन न करें और स्वास्थ्य वर्धक भोजन का प्रयोग करें
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पर्याप्त रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं। गर्म तरल पदार्थ नियमित रूप से पीएं, इससे ठंड से लडऩे के लिए शरीर की गर्मी बनी रहेगी। बुजुर्ग लोगों, नवजात शिशुओं तथा बच्चों का ध्यान रखें एवं ऐसे पडोसी जो अकेले रहते हैं, विशेषकर बुजुर्ग लोगो का हाल चाल पूछते रहें। जरूरत के अनुसार ही रूम हीटर का प्रयोग करें, लेकिन रूम हीटर के प्रयोग के दौरान पर्याप्त हवा निकासी का प्रबंध रखें। बंद कमरों में कोयले को जलाना खतरनाक हो सकता है। क्योंकि यह कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैस पैदा करती है जो किसी की जान भी ले सकती है। शराब का सेवन न करें, यह शरीर की गर्माहट को कम करता है, यह खून की नसों को पतला कर देता है, विशेषकर हाथों से जिसमें हाईपोथर्मिया का खतरा बढ जाता है।

शीत लहर के अत्यधिक प्रभाव से त्वचा पीली, सख्त एवं संवेदनशून्य तथा लाल फफोले पड़ सकते हैं। यह एक गंभीर स्थिति होती है जिसे गैंगरीन भी कहा जाता है। शीत लहर के पहले लक्षण पर ही चिकित्सक की सलाह लें। तब तक अंगों को तत्काल गर्म करने का प्रयास करें। ज्यादा गर्मी से इन अंगों के जलने की संभावना होती है। शीत से प्रभावित अंगों को गुनगुने पानी से इलाज करें। इसका तापमान इतना रखें की यह शरीर के अन्य हिस्से के लिए आरामदायक हों। शरीर में कम्पकपि को नजर अंदाज ना करें। तुरंत मकान के अंदर जाएं। प्रभावित व्यक्ति को गर्म स्थान पर ले जाएं तथा उनके गीले तथा ठंडे कपड़ों को बदलें। प्रभावित व्यक्ति को त्वचा से त्वचा मिलाकर, कंबल, कपड़ों तौलियों तथा चद्दरों की परतों द्वारा गर्म करें। उसे गर्म पेय पदार्थ दें। शीत लहर के प्रभाव से होईपोथर्मिया हो सकता है। शरीर में गर्मी के ह्रास से कंपकंपी, बोलने में दिक्कत, अनिंद्रा, मांसपेशियों में अकडन, सांस लेने में दिक्कत/निश्चेतन की अवस्था हो सकती है। तत्काल चिकित्सीय सहायता लें। इसी प्रकार कोविड-19 के दौरान नाक बहने/भरी नाक के लक्षण दिखने पर चिकित्सक अथवा स्वास्थ्य कर्मियों की सलाह ले।

उपायुक्त ने अधिकारियों को दिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश
सर्दी के दौरान जरूरतमंद व असहाय लोगों की मदद को लेकर डीसी जगदीश शर्मा ने अधिकारियों को जरुरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उपायुक्त श्री शर्मा ने अतिरिक्त उपायुक्त, सीईओ डीआरडीओ, सभी एसडीएम, सीटीएम, सिविल सर्जन, तहसीलदार, सभी नायब तहसीलदार, जिला रेडक्रॉस सोसायटी सचिव तथा शहरी स्थानीय निकाय के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, अस्पताल या अन्य सार्वजनिक स्थानों का निरीक्षण करें और जरूरतमंद लोगों को साधन-संपन्न लोगों, सामाजिक संगठनों तथा स्वयं सेवी संस्थाओं की मदद से गर्म कपड़े उपलब्ध करवाएं।