
आर पी डब्लू न्यूज़/मनोज कुमार
उपायुक्त जगदीश शर्मा ने नागरिक अस्पताल, फतेहाबाद में शिशु पालना का शुभारंभ किया

फतेहाबाद, 27 जनवरी:-अनचाहे नवजात बच्चे के संरक्षण और उसे जीवित रखने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्वावधान में संचालित जिला बाल संरक्षण इकाई ने एक अह्म पहल की शुरूआत की है। बच्चे के पालन-पोषण और उसे गोद देने की प्रक्रिया जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा की जाएगी। अनचाहे नवजात बच्चे को संरक्षण देने के लिए नागरिक अस्पताल, फतेहाबाद में शिशु पालना का शुभारंभ किया गया है। उपायुक्त जगदीश शर्मा ने इसका शुभारंभ किया और कहा कि समाज में हर बच्चे को जीने का अधिकार है।उन्होंने कहा कि प्राय: यह देखने में आता है कि लोग अनचाहे और विकट परिस्थितियों में पैदा हुए नवजात बच्चे को फैंक देने की घटनाएं घटित होती रहती है। नवजात बच्चे को फैकना कानूनी अपराध है। जीने का अधिकार हर किसी को है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने ऐसे नवजात बच्चों के संरक्षण का बीड़ा उठाया है और शिशु पालना स्थापित किया है। इस शिशु पालना में कोई भी अनजान नवजात बच्चे को पालने में डालकर उसको जीवनदान दे सकते हैं। उनकी पहचान गुप्त रखी जाएगी और कोई भी कार्रवाई नहीं होगी।उपायुक्त जगदीश शर्मा ने कहा कि बच्चे भगवान का रूप होते हैं उन्हें किसी भी सूरत में अलग नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन फिर भी इस प्रकार की स्थिति पैदा हो जाती है कि बच्चे को छोडऩा पड़ जाए तो शिशु पालना घर में ही छोड़े ताकि बच्चे को जीवनदान मिल सके। शिशु पालना के माध्यम से जब भी कोई बच्चा पाया जाता है तो उस बच्चे को जिला बाल संरक्षण इकाई व स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चे को रेस्कयू करते हुए बच्चे के खाने-पीने की जरूरतों, स्वास्थ्य व बिमारियों से बचाव हेतु उपाय किए जाते हैं। साथ ही इस बारे जिला बाल कल्याण समिति को भी सूचना भेजी जाती है ताकि इस प्रकार के बच्चे को स्टेट अडॉप्शन एजेंसियों में व शिशु गृह में भेजा जा सके और उनकी मूलभूत आवश्यक्ताओं को पूरा किया जा सके तथा इन बच्चों के संबंध में सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जा सके। पर उपायुक्त जगदीश शर्मा ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि यदि इस प्रकार का कोई बच्चा शिशु पालना में पाया जाता है तो उस समय त्वरित कार्यवाही करें और इस प्रकार के बच्चों को सुविधा उपलब्ध करवाएं।इस अवसर जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. दर्शना सिंह ने बताया की यह झुला अनचाहे बच्चों को सुरक्षा व जीवन प्रदान करने के लिए है, इसमें कोई भी बच्चों को छोड़ेगा उसकी पहचान गुप्त रखी जाएगी। हमें समाज में बच्चों को सुरक्षित रखना है व जरुरतमंदों को बच्चा गोद देकर बच्चा व परिवार को खुशहाल बनाना है। जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा स्वास्थ्य विभाग के फतेहाबाद, रतिया व टोहाना स्वास्थ्य केंद्रों पर शिशु पालना लगाए गए है। इस दौरान जिला बाल संरक्षण अधिकारी सुरजीत बाजिया ने बताया कि विभाग के निर्देशानुसार सभी स्वास्थ्य केंद्रों में शिशु पालना स्थापित किया गया है ताकि अनचाहे कोई भी बच्चा शिशु पालने में डाल सकते हैं ताकि बच्चे को गोद नामा प्रक्रिया द्वारा सुरक्षित जरूरतमंद परिवार में पहुचाया जा सके। गोदनामे की पूर्ण प्रक्रिया जिला प्रशासन द्वारा ही पूरी की जानी है। उन्होंने कहा कि किसी परिवार को अगर बच्चा गोद लेना या देना है तो वह जिला बाल संरक्षण इकाई से संपर्क कर सकते हैं। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. सपना गहलावत, एसएमओ डॉ. राजेश चौधरी, रेडक्रॉस सचिव सुरेंद्र श्योराण, एडवोकेट बृजेश सेवदा, अजय बजाज आदि मौजूद रहे।