
आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट
हमारी सोच दूसरों को गुलाम बनाने की नहीं बल्कि आजादी देने व पाने की हो : डीईओ दयानंद सिहाग

फतेहाबाद, 25 अप्रैल:- क्षेत्रीय अभिलेखागार हिसार मंडल की ओर से राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मोहम्मदपुर रोही में मंगलवार को इतिहास, राष्ट्रभक्ति, शहीदों के जीवन से सम्बंधित दो दिवसीय प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन जिला शिक्षा अधिकारी दयानंद सिहाग ने किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर अभिलेखागार के सहायक निदेशक अनिल कुमार, खंड शिक्षा अधिकारी महेन्द्र सिंह, पूर्व खंड शिक्षा अधिकारी विजय कुमार मौजूद थे। मुख्य वक्ता इतिहासकार डॉ. महेन्द्र सिंह, प्राचार्य भगवान दत्त व अशोक गर्ग भी मौजूद रहे।दो दिवसीय प्रदर्शनी का उद्देश्य विद्यार्थियों, अभिभावकों व आम आदमी को हमारे गौरवशाली इतिहास, शहीदों के जीवन, स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों से परिचय करवाना व देशभक्ति की भावना जगाना है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीईओ दयानंद सिहाग ने कहा कि इस तरह की प्रदर्शनी नि:संदेह समाज में राष्ट्रीयता की भावना जगाने, विद्यार्थियों में शहीदों के प्रति सम्मान की भावना जगाने का सार्थक कार्य करती है। आजादी की लड़ाई से सम्बंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज, शहीदों की बलिदान गाथा हमें बताती है कि आजादी पाने के लिए सब कुछ समर्पित करने वालों में हरियाणा के वीर कम नहीं थे। उन्होंने कहा कि अगर हमें उन्नति करनी है तो अपनी जड़ों से जुडऩा जरूरी है। हमारी सोच दूसरों को गुलाम बनाने की नहीं बल्कि आजादी देने व पाने की हो।क्षेत्रीय अभिलेखागार के सहायक निदेशक अनिल कुमार ने प्रदर्शनी के उद्देश्यों एवं इसके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने शहीदों से प्रेरणा लेने की बात कही। दयानंद महाविद्यालय हिसार के इतिहास विभाग के प्रोफेसर व इतिहासकार डॉ. महेन्द्र सिंह ने कहा कि राष्ट्र के निर्माण की प्रक्रिया लगभग 3500 वर्ष पुरानी है। इस राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण अध्याय भारत का स्वतंत्रता संग्राम है जो विश्व की सबसे ताकतवर शक्ति अंग्रेजों के विरूद्ध लड़ा गया। यह संघर्ष 1857 से 1947 तक निरंतर लड़ाई के रूप में जारी रहा, जिसमें त्याग, संघर्ष, बलिदान की गाथा हमारे पूर्वजों ने लिखी, वह बेजोड़ है। अकेले 1857 में इसमें 6 लाख लोगों ने शहादत दी। डॉ. महेन्द्र ने बताया कि इसमें हरियाणा के लोगों की संख्या 82 हजार के ऊपर थी। इसमें हिसार से डबवाली व लोहारू तक के क्षेत्र की भागीदारी बहुत अधिक थी। देश आजाद होने तक यह क्षेत्र सक्रिय रहा। खंड शिक्षा अधिकारी महेन्द्र सिंह ने इस प्रदर्शनी को आवश्यक, उपयोगी व सार्थक बताया तो प्राचार्य भगवान दत्त ने अतिथियों का धन्यवाद किया।

पूर्व बीईओ विजय कुमार व अशोक गर्ग ने भी अपने विचार रखे।दो दिवसीय प्रदर्शनी में आजादी की लड़ाई व शहीदों से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई हैं। हांसी के लाला हुकमचंद जैन, झज्जर के जवाब अब्दर्रहमान खां, वल्लभगढ़ के राजा नाहर सिंह, राव तुलाराम, दादा गणेशी लाल, लाल हरदेव सहाय, बलवंत राय तायल की संघर्ष गाथा के साथ आजादी में हरियाणा की महिलाओं लक्ष्मी बाई आर्य रोहतक, कमला भार्गव गुडगांव, चांदबाई हिसार, तारादेवी हिसार, लक्ष्मी देवी हिसार, सुहाग रानी हिसार का आजादी में योगदान दर्शाया गया है। इसके साथ-साथ क्षेत्र के उन शहीदों, स्वतंत्रता सेनानियों का परिचय व फोटो प्रदर्शित किए गए हैं, जिन्होंने बलिदान दिया था या आजादी की लड़ाई लड़ी। इसके साथ प्रदर्शनी में शहीदे-आजम भगत सिंह का जीवन तथा नेताजी सुभाष चंद्र बोस का हिसार दौरे के चित्र प्रदर्शित है। हिसार क्षेत्र के दर्शनीय व बलिदान से जुड़े प्रसिद्ध स्थलों की जानकारी फोटो सहित दी गई है। इस प्रदर्शनी का अवलोकन करने खजूरी जाटी सहित अनेक गांवों के स्कूली बच्चे पहुंचे। गांव के सरपंच रामेश्वर दास, एसएमसी प्रधान बलबीर सिंह सहित अनेक गणमान्य लोग व विद्यालय स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।