
आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट
-सिविल सर्जन डॉ. सपना ने नागरिक अस्पताल से छात्रों की जागरूकता रैली को झंडी दिखाकर किया करवाना
-विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों ने शहर फतेहाबाद में जागरूकता रैली निकाल लोगों को किया जागरूक
फतेहाबाद, 25 अप्रैल:- विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर स्थानीय नागरिक अस्पताल में सिविल सर्जन डॉ. सपना गहलावत ने छात्र-छात्राओं की मलेरिया जागरूकता रैली को झंडी दिखाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर जिले के विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों द्वारा रैली निकालकर लोगों को जागरूक किया गया। वहीं दूसरी ओर कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा जिले के विभिन्न शहरी व ग्रामीण स्कूलों में जाकर छात्र/छात्राओं को मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया के प्रति प्रश्नोतरी प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता व लैक्चर के माध्यम से जागरूक किया गया। सिविल सर्जन डॉ. सपना ने बताया कि इस वर्ष विश्व मलेरिया दिवस का थीम – टाइम टू डिलीवर जीरो मलेरिया: इनवेस्ट, इनोवेट, इंपलीमेंट है।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ. सपना गहलावत ने बताया कि मलेरिया रोग लोगों के स्वास्थ्य की गंभीर समस्या है। रोगी को बुखार आने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर रक्त की जांच करवानी चाहिए। यदि जांच मेें मलेरिया पोजिटिव आता है तो मूल उपचार 14 दिन का लेना चाहिए। इसका ध्यान रखना अति आवश्यक है कि मलेरिया से बचाव के लिए स्वच्छता का विशेष महत्तव है। जिला फतेहाबाद में वर्ष 2015 में 107, वर्ष 2016 में 59, वर्ष 2017 में 42, वर्ष 2018 में 2, वर्ष 2019 में 5, वर्ष 2020 में शून्य, वर्ष 2021 में एक, वर्ष 2022 में शून्य मलेरिया केस पाये गये थे तथा वर्ष 2023 में अब तक मलेरिया का कोई केस नहीं पाया गया है। मलेरिया प्लाजमोडियम कीटाणु के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में मादा एनाफ्लीज मच्छर के काटने से फैलता है। हरियाणा में मुख्यत: 2 प्रकार के मलेरिया केस मिलते है – प्लाजमोडियम वाईवैक्स व प्लाजमोडियम फैलसीपरम।इस अवसर पर बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा वैक्टर जनित रोगो की रोकथाम हेतु अप्रैल से अक्टूबर माह तक हर माह की एक तारीख से लेकर दस तारीख तक रैपिड फीवर सर्वे चलाया जाएगाा जिसमें स्वास्थ्य कर्मी द्वारा घर-घर जाकर बुखार पीडि़त लोगों की ब्लड स्लाइड बनाई जाएगी तथा सोर्स रिडिक्शन एक्टिविटी करवाई जाएगी। इसी कडी में अप्रैल माह के दौरान जिले में 113749 घरों में रैपिड फीवर सर्वे किया गया जिसमें 2062 बुखार पीडि़त लोगों की ब्लड स्लाइड बनाई गई। मलेरिया एंव डेगू से बचाव व जानकारी देने के लिए डोर टू डोर सोर्स रिडिक्शन एक्टिविटी करवाई जा रही है। अब तक जिले के विभिन्न गांवों के 129 तालाबों/जोहडों मे गम्बूजिया मछली डाली गई है। इसके अलावा खड़े पानी में एन्टी लार्वा टेमिफोस दवाई का छिडकाव किया जा रहा है।मलेरिया के लक्षण:-सर्दी व कंपन के साथ तेज बुखार आना, सिर में तेज दर्द होना, बदन दर्द होना व उल्टीयां आना व बुखार उतरते समय बदन का पसीना-पसीना होना इस रोग के मुख्य लक्षण है।मलेरिया से बचाव के सरल उपाय:- घरों के आसपास पानी एकत्रित न होने दें, गढ्ढों को मिट्टी से भर दें अथवा काला जला मिट्टी का तेल डाल दें, सप्ताह मे एक बार कूलर, पशु व पक्षियों के पानी के बर्तनों, हौदी पानी की टंकी, फ्रिज के पीछे की टेऊ व फूदान आदि को सुखाकर ही पानी भरें, कूलर इत्यादि को सप्ताह में एक बार अवश्य खाली व रगड कर साफ करें, मच्छरदानी का प्रयोग करें, शरीर को पूर्णतया ढककर रखें, ठहरे हुए पानी जैसे तालाबों व अन्य जलाशयों मे गम्बूजिया मछली डाले। यह मछली मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों के लारवा को खा जाती है। समय-समय पर कीटनाशक दवा का छिडक़ाव पूरे घर में करें व मच्छररोधक क्रीम का प्रयोग करें, प्रत्येक रविवार को सुखा दिवस के रूप में मनायें।इस मौके पर उप-सिविल सर्जन डॉ. सुरेन्द्र बिशु ,डॉ. जयप्रकाश शर्मा, डॉ. अरूण नन्दा, डॉ. मेजर शरद तुली, डॉ. लाजवन्ती गौरी, डॉ. नीति पुनिया, डॉ. विष्णु मितल, सुशील कुमार, रवि कम्बोज, कमला रानी व अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी मौजूद रहे।