
आर पी डबलू न्यूज़
गुरुग्राम — ( यतीश शर्मा ) 7 अक्टूबर:- आज के दौर में महिलाओं का जागरूक होना बहुत जरूरी है । यह बात के आर मंगलम यूनिवर्सटी गुरुग्राम द्वारा आयोजित महिलाओं के अधिकारों , गर्भपात व प्रजनन के समय आ रही परेशानियों पर विचार विमर्श करते हुए चीफ मेडिकल ऑफीसर वीरेंद्र यादव ने कही ।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से डिलीवरी के दौरान महिलाओं व बच्चों की मौत हो रही है उसका कारण अधिकतर महिलाओं में अंदरूनी कमजोरी आमतौर पर होती है । डॉ की सलाह के बाद भी महिलाएं अपने परिवार के दबाब में आकर अपनी ओर होने वाले बच्चे की जान को खतरे में डाल लेती हैं ।
इस अवसर पर मौजूद अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन महिला विंग की निदेशिका रीतु सिन्धवानी ने कहा हम प्रतिदिन समाचार पत्रों में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों की खबरे पढ़ते है । आखिर कब जागेगा देश ? इतिहास गवाह है जब जब महिलाओं पर जिस सम्राज्य में अत्याचार हुआ उस सम्राज्य का विनाश ही हुआ है । आज जरूरत है हमे महिलाओं के अधिकारों को लेकर उन्हें जागरूक करने की । कभी छोटी बच्चियों से रेप , महिलाओं से बलात्कार , दहेज के नाम पर महिलाओं को जलाकर मार देना क्यो ? आखिर कब तक हम महिलाओं व छोटी बच्चियों के साथ हो रहे अत्याचारों को लेकर इंसाफ के नाम पर केंडल मार्च निकालते रहेंगे ।अपराध बढ़ने के बाद महिला मजबूत बने उस से पहले ही महिलाएं इतनी मजबूत हो जाये की अपराध खत्म हो जाये ।
रीतु सिन्धवानी ने बच्चों को सम्भोधित करते हुए कहा कि आज के बच्चे कल के देश का भविष्य हैं । के.आर. मंगलम यूनिवर्सटी में रखी गई इस वार्त्तालाप को लेकर आयोजिका साजिया सिद्दकी की प्रंशसा करते हुए कहा कि जिस प्रकार से महिलाओं के गर्भपात , प्रजनन व उनके अधिकारों को लेकर जो प्रोग्राम रखा है वह बहुत ही काबिले तारीफ है । उन्होंने कहा कि अगर हम सब लोग मिलकर केंडल मार्च निकालने की जगह महिला पर हो रहे अपराधों व अत्याचारों को लेकर संविधान के तहत उनके अधिकारों के लिए युवाओं को साथ ले जागरूक करने की पहल करें तो मुमकिन हैं । हम अपराधों पर अंकुश लगाने में कामयाब हो जाएं ।
इस अवसर पर प्रोफेसर डॉ मेहराजुद्दीन मीर ने कहा कि महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिये हमें अपने घर से ही शुरुआत करनी होगी क्योंकि जो माहौल हमारे घर मे होगा उस माहौल का असर हमारे बच्चों पर पड़ेगा । हर परिवार को चाहिये कि नोजवान बच्चों के साथ घर पर दोस्तो सा माहौल रखे ताकि वह नोजवान बच्चा घर पर आकर अपनी दिनचर्या आपसे सांझी कर सके ना कि आपसे कुछ छुपाये । जिस प्रकार से महिलाओं का शोषण हो रहा है यह एक गम्भीर विषय है । हम सब को इस गम्भीर विषय पर विचार विमर्श कर महिलाओं को जागरूक करना होगा ।
जिस प्रकार से आज की महिला पुरुषों के साथ हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है यह अपने आप मे बहुत गोरवनिय बात है । मगर आज का समाज जिस प्रकार से महिलाओं का शोषण कर उनके मनोबल पर प्रहार कर गिराने की कोशिश कर रहा है वह बहुत शर्मनाक बात है ।
इस अवसर पर डॉ पुनीत अरोड़ा आई. वी. एफ. ने महिलाओं की शारीरिक बीमारियों , बच्चा होने के वक्त कमजोरियों को लेकर आ रही समस्याओं के विषय मे अपने विचार रखे ।
कार्यक्रम की आयोजिका प्रोफेसर साजिया सिद्दकी ने कहा यह विचारविमर्श महिलाओं के विषय मे उनके अधिकारों , स्वास्थ्य , सरोगेसी , परिवारिक विवाद आदि पर सबके विचारों को सांझा किया । उन्होंने कहा कि प्रोग्राम का उद्देश्य यूनिवर्सिटी में शिक्षा का ज्ञान ले रहे बच्चों को महिलाओं की समस्याओं से अवगत करवा उन्हें अनुभव करवाने का प्रयास था । इस प्रोग्राम में यूनिवर्सिटी ला के प्रोफेसर भी मौजूद थे ।