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आर पी डब्लू न्यूज़/सुशील शर्मा
कैथल, 17 मार्च :- पीएनडीटी एक्ट की पालना व अन्य प्रावधानों के विषय पर कोयल कॉम्पलेक्स में एक दिवसीय दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार ने की। इस वर्कशॉप में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ हरियाणा के प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर डॉ. गिरधारी लाल सिंगल ने उपस्थित अधिकारियों एवं पदाधिकारियों को पीएनडीटी एक्ट के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

डॉ. गिरधारी लाल सिंगल ने कहा कि गर्भ में पल रहे शिशु का लिंग चयन करवाना अपराध की श्रेणी में आता है, जिसमें 5 वर्ष तक की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है। कोई भी अल्ट्रासाउंड मशीन बिना अनुमति के नहीं खरीदी जा सकती। इसकी परमिशन जिला समूचित प्राधिकारी द्वारा दी जाती है। सभी पंजीकृत सेंटरों पर रूल-9(1)के तहत पीएनडीटी रजिस्टर होना चाहिए। सभी अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालक गर्भवती महिलाओं के रिकॉर्ड को सही ढंग से रखने के लिए बाध्य है तथा प्रत्येक माह के 5 तारीख तक केंद्र तक कार्यालय में भिजवाएं, सिविल सर्जन अशोक कुमार तथा पीएनडीटी की नोडल अधिकारी डॉ. गौरव पुनिया ने सभी केंद्रों के ऑनर व ऑप्रेटरों को पीएनडीटी एक्ट व एमटीपी एक्ट की पालना करने के लिए सकारात्मक सहयोग के बारे में कहा। उन्होंने कहा कि पीएनडीटी व एमटीपी एक्ट की उल्लंघना करने वालों पर नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी आह्वान किया कि इस तरह के कार्य करने वालों की सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखते हुए एक लाख रुपये की नगद राशि भी दी जाती है। इस मौके पर डॉ. राजीव मित्तल, राम प्रसाद बंसल, डॉ. आरडी चावला, डॉ. प्रीति सिंगला,डॉ. बलविंद्र गर्ग, डॉ. संदीप जैन, डॉ. अनिल अग्रवाल, पीपी कौशिक, राजेश कुमार, पीओ कमलेश गर्ग, उपन्यावादी पीएनडीटी सुखदीप सिंह आदि मौजूद रहे।