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आर पी डब्लू न्यूज़/सुशील शर्मा
किसान भवन पर सुदीप सुरजेवाला सहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शमशेर सुरजेवाला की प्रतिमा पर किए पुष्प अर्पित
कैथल, 24 मार्च :- किसान भवन कैथल पर आज हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य सुदीप सुरजेवाला सहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्व. शमशेर सिंह सुरजेवाला की 91वीं जयंती पर उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए और उन्हें नमन किया।सुदीप सुरजेवाला, बहादुर सैनी, रोशन पाडला, शिव कुमार पाड़ला,सुरेंद्र शर्मा, इन्द्र मुच्छल, पी. एल. भारद्वाज, सुशीला शर्मा, सुरेंद्र रांझा, रघुबीर रंगा, महावीर सैन, जगदीश मलिक, नीटू तंवर, रणबीर ढांडा, चिरंजी शर्मा, संजीव ग्रोवर, बलिंद्र बाल्मीकि,जय भगवान नौच, रामचंद्र व राजेन्द्र शर्मा बलवंती सभी मौजूद गणमान्य लोगो ने किसान हितैषी स्व. शमशेर सिह सुरजेवाला की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और उन्हें याद करते हुए कहा कि शमशेर सुरजेवाला ने हमेशा अपने जीवन में किसानो के हितो की लडाई के साथ साथ कमेरे वर्ग,गरीब, छोटा दुकानदार और युवाओ की आवाज उठाई। वो जमीन से जुडे हुए नेता थे। वो प्रदेश ही नही बल्कि समस्त भारतवर्ष के नेता थे। उन्होने कैथल के साथ साथ नरवाना और साथ लगते सभी इलाके में चहुन्मुखी विकास की गाथा को आगे बढाया और स्व.शमशेर सिह सुरजेवाला की कमी हमेशा हमें खलेगी।उन्होंने कहा कि सुरजेवाला किसानों को मिलने वाले ऋण पर 12 प्रतिशत ब्याज को लेकर काफी स्तब्ध रहते थे। वह साफ कहते थे कि कार पर ब्याज 10 प्रतिशत और कृषि पर 12 प्रतिशत ये कहां का न्याय है। उनके कड़े विरोध के बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 4 प्रतिशत किया था।उन्होंने बताया कि उनकी मांग पर प्रदेश सरकार ने किसान की गिरफ्तारी और जमीन की निलामी के काले कानून को समाप्त किया। टैक्टर लोन को लेकर प्रति एक एकड़ जमीन को गिरवी रखा जाना लगा था। जबकि पहले पूरी जमीन गिरवी करते थे। शमशेर सुरजेवाला ने बतौर राज्यसभा सांसद कई बार संसद में किसानों की समस्याएं उठाई। सुरजेवाला ने ब्याज दर को लेकर आवाज उठाई। सुरजेवाला कहते थे कि जो लोग नकली बीज व दवाईयां बेचते हैं उनके खिलाफ ऐसे धाराएं लगनी चाहिए कि उनकी जमानत न हो सके। किसान मेहनत करके बीज डालता है और बीज सही न होने के कारण जहां उसका नुकसान होता है वहीं फसल का समय भी निकल जाता है। सुरजेवाला कहते थे कि जब तक देश का किसान संपन्न नहीं होगा देश तरक्की नहीं करेगा। वह MSP को लेकर सरकारों पर दबाव बनाते थे। उन्होंने सदैव फसलों के लाभकारी मूल्य की मांग की। जिस वक्त देश में किसानों की आत्महत्याओं का सिलसिला बढ़ चला था, उन्होंने सत्ता में आने पर किसानों के 74000 करोड़ रुपये माफ करवाने के फैसले में अहम भूमिका निभाई थी।उन्होंने समय समय पर किसानों के साथ-साथ गरीबों, दलितों, पिछड़ों, महिलाओं के उत्थान की लड़ाई लड़ी। उन्होंने अपनी कलम से हर वर्ग के व्यक्ति को लाभ पहुंचाने का काम किया। सुरजेवाला ने नारी शिक्षा को लेकर लोगों को काफी जागरूक किया। वह चाहते थे कि हर लड़की शिक्षा लेकर आगे बढ़े। किसानों के अलावा कर्मचारियों, व्यापारियों, दलितों व पिछड़े वर्ग लोगों की आवाज भी बने। सुरजेवाला ने कभी लागलपेट की बात नहीं की वह स्पष्टवादी रहे।