
आर पी डब्लू न्यूज़/प्रीति धारा

पंचकुला, फरवरी 1:-कलर्स चैनल पर आने वाले धरावाहिक “जुनूनियत” के बारे बताए कि आपका क्या किरदार है? जुनुनियत सीरियल ड्रीम यादव प्रोडक्शन हाउस के अंतर्गत बन रहा हैं इसके अंदर बिग बॉस से अंकित जी, गौतम विज, नेहा राणा और काफी सारे महान कलाकर काम कर रहे हैं और इसमें मुझे काम करने का मोका मिला। जोकि एक नेगेटिव किरदार (विलियन) की भूमिका निभा रहा हूं। ये कलर्स चैनल का बहुत अच्छा प्लेटफार्म हैं। जल्द ही प्रकाशित हो जायेगा।
आपने इसमें नेगेटिव किरदार निभाया है तो वो किरदार आपने क्यों चुना या आपको दिया गया था ?सबसे पहले तो चैनल की डिमांड होती हैं और उसी के अनुसार किरदार बनते हैं। हमारे प्यारे भाई इंदर जी का कॉल आया कि धारावाहिक जुनूनियत में एक नेगेटिव किरदार हैं और फिर मैंने अपना ऑडिशन दिया और उनको बहुत अच्छा लगा और मुझे उस किरदार के लिए चुन लिया । मुझे बड़ी खुशी हुई क्योंकि मैं नेगेटिव किरदार ही देख रहा था और मुझे अपनी मर्जी का किरदार मिल गया।
आपको एक कलाकर ही बनाना हैं ये सोच आपकी कैसे जागी और यहां तक के सफर के बारे बताए? मेरे अंदर बचपन से ही कलाकार बनाने की इच्छा थी और जब मैं छोटा था तब अपना समय खेलने में टेलीविजन पर ज्यादा व्यतीत करता था। मैं बचपन में “चार्ली चेपलानजी” देखता था। वो उस समय के बहुत अच्छे कलाकार, निर्देशक थे और उन्ही से प्रेरित होकर मैंने कलाकार बनने की ठान ली थी। तबी से मैने अपनी तैयारी शुरू कर दी और ऐसे ही काफी समय निकल गया, फिर मुझे पता चला कि बॉडी बिल्डिंग भी करनी पड़ती हैं और मैंने फिर बॉडी बिल्डिंग करनी शुरु कर दी। ऐसे ही मेरा सफर चलता रहा और फिर में बॉम्बे चला गया और सियाराम सवाडन, बॉलीवुड फोकस पर सुपर मॉडल रहा और वो 2004 में बंद हो गई थीं जहां पर जॉन अब्राहम, बिपासा बसु के साथ काम किया। फिर मैने एक्टिंग सीखना शुरु किया क्योंकि वहां पर पता चला कि मॉडल को जल्दी कोई चांस नहीं मिलता, काफी संघर्ष करना पड़ता हैं और बॉम्बे के बहुत सारे ऐसे एक्टर हैं जो संघर्ष के अंदर अपनी पुरी जिंदगी खत्म कर देते हैं। तो तब मैने निश्चय किया कि एक्टिंग सीखो क्योंकि अकेले चेहरे को काम नही मिलता हैं।
मैने बेरीज होम से एक्टिंग सीखना शुरु किया और उन्होंने मुझे नवरस की जानकारी दी और हमे पता होना चाहिए कि हमारी पकड़ किस पर हैं। कोई भी कलाकार पूरे 9 रस के अंदर निपुण नही हो सकता। मुझ पर रोध्र और वीर रस जच रहा था और मैंने उस पर अपनी पकड़ मजबूत की। मैं ऐसे ही दौड़ता रहा और काफी मेहनत करता रहा। फिर मेरे पिता जी का स्वर्गवास हो गया और जिस कारण मुझे काफी बड़ा झटका लगा और मेने फिर भी अपनी मेहनत जारी रखी। मुझे मोका नही मिला तो मैंने डायरेक्शन सीखना शुरु किया और फिर सोचा कि यहीं से अपने आप को बढ़ाया जाए। फिर मैने बहुत सारे गाने किए, फिल्मे बनाई और बहुत सारे नये लडको को भी मौका दिया। उनकी जो भी मजबूरी होती उसे दूर रख कर उनकी सहायता की ओर उनको मौका दिया। शायद उनकी उन्ही दुवाओ का नतीजा है कि आज मुझे ऐसा सुनहरा मौका मिला है।
“जनता के बिना कलाकार की इतनी पकड़ नही होती हैं और कलाकार को बहुत मेहनत करनी पड़ती है दर्शकों में अपनी रूचि दिखाने के लिए। एक कलाकार का जनता के लिए क्या संदेश हैं” जनता भगवान हैं , जनता ही बनती है और जनता ही गिरती है” जब कलाकार बन जाता है तो उसपर शोहरत का नशा स्वार हो जाता है। शोहरत का नशा बड़ा खतरनाक नशा है और शराब का नशा तो उतार जाता है पर शोहरत का नशा नही उतरता। मेरे पिता जी एक बात कहते थे कि सबसे छोटी जी होती हैं शोहरत। ये किसी के पास भी चली जाती है और किसी का भी साथ छोड़ कर निकल जाती है। इसको कभी अपने दिमाक पर स्वार मत होने दो। टाईगर सिंह जी ने कहा कि मै आप लोगो से ही निकल कर आया हूं और आप सभी मेरे भाई बहन हो। मै जब भी अपने काम पर जाता हूं तो यही कहता हूं कि मै अपनी ध्याड़ी लगाने जा रहा हूं। दूसरो को छोटा समझना बंद करो। क्योंकि पता नहीं कल कौन कहां से उठकर क्या बन जायेगा, वो सब हम लोगों से ही है और जनता की कलाकार को बनाती और गिराती है। और जो लोग समाज में ये नंगेज, अश्लीलता दिखा कर चंद व्यूज प्राप्त करने के लिए समाज को बिगाड़ कर रख दिया है।“जुनूनियत के बारे आप क्या कहेंगे”उम्मीद हैं शायद 6 फरवरी से यह लाइव हो जाएगा। ये बहुत ही प्यारा धारावाहिक हैं जो कि फिल्म रॉकस्टार जैसा ही लग रहा है।