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आर पी डब्लू न्यूज़/प्रीति धारा

पंचुकला, 24 मार्च:- 51 शक्तिपीठों में से एक कुरुक्षेत्र का मां भद्रकाली मंदिर, मन्नत के लिए चढ़ाए जाते हैं घोड़े ,51 शक्तिपीठ। इनके बारे में तो आपने सुना ही होगा। इनमें से एक शक्ति पीठ हरियाणा में भी है। श्रीदेवी कूप भद्रकाली मंदिर। भद्रकाली शक्तिपीठ में देवी सती का दाए पैर का टखना (घुटने के नीचे का भाग) गिरा था। इसका महत्व तब और बढ़ जाता है, जब इसमें श्रीकृष्ण का जिक्र शामिल हो जाता है। कहा जाता है कि भद्रकाली शक्तिपीठ में श्रीकृष्ण और बलराम का मुंडन हुआ था। ये भी माना जाता है कि महाभारत युद्ध में विजय का आशीर्वाद लेने पांडव श्रीकृष्ण के साथ यहां आए थे। मन्नत पूरी होने के बाद पांडवों ने मंदिर में आकर घोड़े दान किए थे। तब से घोड़े दान करने की प्रथा चली आ रही है। भद्रकाली मंदिर मां देवी काली को समर्पित है। भद्रकाली शक्ति पीठ सावत्री पीठ के नाम से प्रसिद्ध है। भद्रकाली मंदिर में देवी काली की प्रतिमा स्थापित है तथा मंदिर में प्रवेश करते ही बड़ा कमल का फूल बनाया गया है, जिसमें मां सती के दायें पैर का टखना स्थापित है जोकि सफेद संगमरमर से बना है। साथ में पूर्व चेयरमैन सोहन लाल गुजर देवी नगर, धार्मिक समाजिक व राजनीतिक विजय धीर,एडवोकेट नवीन बंसल, एडवोकेट पुनीत कपूर, प्रदीप कलतगडीया