
आर पी डब्लू न्यूज़/प्रीति धारा
पंचकूला ,14 मई:- देवी देवताओं , गुरु , पीर फकीरों की धरती भारत पूरी दुनिया मे अपनी एकता और आपसी भाईचारे के लिये विश्व विख्यात मानी जाती है । मगर कुछ राजनीतिक दल इस अपनी राजनीति को चमकाने के लिये धर्म के नाम पर देश मे मानवता को शर्मसार करने में लगे हुए हैं । ऐसे राजनेतिक दलों को बजरंगबली कैसे बचाएँगे यह बात वरिष्ठ पत्रकार ,समाजसेवी व अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार ऑब्जर्वर्स के अंतरराष्ट्रीय निदेशक यतीश शर्मा ने एक प्रेसविज्ञप्ति जारी करते हुए कही । उन्होंने कहा की 10 वर्षो से राम नाम से शुरू हुए सत्ताधारी राजनीतिक दल की साजिश को कर्नाटक चुनाव में राम नाम छोड़ बजरंगबली नाम उजागर करने वालो को हार का रास्ता दिखा एक अहंकार तोड़ने की सजा दी है ।यतीश शर्मा ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से देश की सत्ताधारी सरकार देश की आवाम को धर्म के नाम पर आपसी भाईचारे को तोड़ने का काम कर रही थी । पहले हिमाचल ओर अब कर्नाटक चुनाव ने इस सत्ताधारी राजनीतिक दल को हरा देश के आपसी भाईचारे व एकता का प्रमाण दे चुनाव में बाहर का रास्ता दिखा एक संदेश दिया है कि धर्म के नाम पर भारत को तोड़ने वालों का ये ही अंजाम होगा ।उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 चुनाव होंने वाले हैं । जिसमे देश की सत्ता संभालने वाले हर राजनेतिक दल अपनी जीत के लिये कई प्रलोभन लेकर देश की आवाम के बीच इन चुनाव में उतरेगी । मगर 2024 चुनाव में अगर किसी भी राजनीतिक दल ने धर्म के नाम पर , आपसी भाईचारे व एकता को तोड़ने की कोशिश की तो उस राजनीतिक दल को देश की आवाम से समर्थन नही मिलेगा ।