
आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट
•योजना के तहत 40 से 60 प्रतिशत तक अनुदान का प्रावधान
•जलभराव वाले क्षेत्रों में अपनाए मत्स्य पालन
•विभाग द्वारा दी जाती है वित्तीय व तकनीकी सहायता
रोहतक, 15 जनवरी : उपायुक्त यशपाल ने स्वरोजगार में रुचि रखने वाले जिला वासियों से मत्स्य पालन व्यवसाय को अपनाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में वरदान साबित हो रही है। आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान मत्स्य पालन को प्रोत्साहन के लिए सरकार द्वारा 40 से 60 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है।उपायुक्त यशपाल ने कहा कि जलभराव वाले क्षेत्रों में मत्स्य पालन स्वरोजगार का एक बेहतर विकल्प है। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन के लिए अनुदान देने हेतु सरकार ने पूरे देश में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को क्रियान्वित किया है। योजना के तहत मत्स्य पालन अपनाने वालों को 40 से 60 फिसदी तक अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला के उन गांव के लोगों को मत्स्य पालन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिन गांव में बरसात के पानी के ठहराव की संभावना अधिक रहती है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किसानों की आय बढ़ाने में मत्स्य पालन एक कारगर कदम है।उपायुक्त यशपाल ने बताया कि झींगा मछली पालन से 5 से 6 लाख रुपये प्रति एकड़ तक की आमदनी होती है। सरकार द्वारा इस योजना के तहत अनुसूचित जाति व महिला वर्ग के मछली पालकों को 60 प्रतिशत अनुदान तथा सामान्य वर्ग को मछली पालन पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इसके अलावा जिला मत्स्य अधिकारी रोहतक अथवा ब्लॉक स्तर पर मत्स्य अधिकारी से भी संपर्क किया जा सकता है।उपायुक्त यशपाल ने बताया कि योजना के तहत प्रार्थी निजी भूमि अथवा पट्टे पर भूमि लेकर मछली फीड हैचरी, बायोफ्लॉक, आरएएस, फीड मिल व कोल्ड स्टोर आदि लगाने पर विभाग से वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्राप्त कर सकते हैं। मत्स्य विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना तथा अन्य विभागीय योजनाओं के लिए किसानों को जागरूक करने के उद्देश्य से समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यूनिट लगाने से पहले संबंधित व्यक्ति प्रशिक्षण अवश्य ले तथा मिट्टी व पानी की टेस्टिंग भी अनिवार्य रूप से करवाएं ताकि सफलता को सुनिश्चित किया जा सके ।