
आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट
दयालु योजना के तहत दो से 5 लाख रूपये तक की सहायता का प्रावधान
दयालु योजना के तहत दो से 5 लाख रूपये तक की सहायता का प्रावधान
योजना के द्वारा सामाजिक व वित्तीय सहायता का दिया सहारा
रोहतक, 16 अप्रैल : उपायुक्त अजय कुमार ने बताया कि अंत्योदय परिवारों के लोग इस बात की जरा भी चिंता न करें कि संकट की घड़ी में आपके कौन काम आएगा। सरकार विकट परिस्थिति में गरीब लोगों के साथ ‘दयालु’ बनकर खड़ी है। यदि किसी के साथ कोई हादसा हो जाता है और व्यक्ति स्थायी दिव्यांग या 40 प्रतिशत दिव्यांग या मौत हो जाती है तो सरकार दयालु योजना के तहत दो से पांच लाख रूपए तक सहायता प्रदान करती है।
अजय कुमार ने बताया कि दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना के तहत प्रदेश में ‘दयालु’ योजना की शुरुआत की है। इस योजना का लक्ष्य गरीब परिवारों को संकट की घड़ी में सामाजिक और आर्थिक सहायता प्रदान करना है। दयालु योजना के तहत परिवार पहचान पत्र में सत्यापित डेटा के आधार पर एक लाख 80 हजार रुपए तक आय वाले परिवार के सदस्य की मृत्यु या दिव्यांग होने पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना का क्रियान्वयन हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास द्वारा किया जा रहा है। योजना का उद्देश्य राज्य के पात्र निवासियों को मृत्यु अथवा दिव्यांगता के मामले में सामाजिक और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।
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इस प्रकार मिलेगा दयालु योजना का लाभ :-
उपायुक्त अजय कुमार ने बताया कि दुर्घटना के दौरान अगर गरीब व्यक्ति 40 प्रतिशत या स्थायी दिव्यांग हो जाता है, या व्यक्ति की मौत हो जाती है तो इस योजना का लाभ मिलता है। दयालु योजना के तहत घटना होने के तीन महीने के अंदर-अंदर क्लेम करना होता है। इसके लिए आधार कार्ड, परिवार पहचान पत्र, दिव्यांगता प्रमाण-पत्र और एफआईआर की कापी, मृत्यु प्रमाण-पत्र आदि दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। योजना के तहत 15 से 20 साल तक के आयु वर्ग को तीन लाख रूपए, 20 से 25 तक को चार लाख रूपए, 25 से 40 तक पांच लाख रूपए, 40 से 50 तक चार लाख रूपए, 50 से 60 तक तीन लाख और 60 साल से उपर आयु वर्ग के नागरिक को दो लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी जाती है।