
आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट
डॉ.भीम राव अंबेडकर की 132वीं जयंती के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन

सिरसा, 14 अप्रैल:- मुख्यमंत्री हरियाणा के राजनीतिक सचिव कृष्ण बेदी ने कहा कि बाबा साहब डा. भीम राव अंबेडकर दलितों के नेता ही नहीं थे अपितु वे महान युग पुरुष थे। जब हमारे देश भारत में छुआछूत, भेदभाव, ऊंच-नीच जैसी अनेक सामाजिक कुरीतियां अपने चरम अवस्था पर थी ऐसे में इन बुराईयों को दूर करने में भीमराव अंबेडकर का अतुल्य योगदान है, इसके साथ-साथ बाबा साहेब ने भारत की एकता व अखंडता बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके कारण भीमराव अम्बेडकर को दलितों का मसीहा भी कहा जाता है। उन्होंने महिलाओं, मानवता, समाज व सभी जातियों के लिए समान कानून व्यवस्था बनाई।
वे शुक्रवार को डा. भीम राव अंबेडकर की 132वीं जयंती के अवसर पर स्थानीय बाबा साहब डा. भीम राव अंबेडकर भवन में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यअतिथि संबोधित कर रहे थे। इसे पहले कृष्ण बेदी ने बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया व श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर पूर्व जिलाध्यक्ष यतिंद्र सिंह एडवोकेट, अंबेडकर क्रांति मंच प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र पेहवाल, वरिष्ठ भाजपा नेता शीशपाल कंबोज, रत्नलाल बामणिया, रोहताश जांगड़ा, चंद्र प्रकाश बोस्ती, बिमला सिंवर, देव कुमार शर्मा, भूपेश मेहता, वीर शांति स्वरूप, जसविंद्र सिंह, भवानी सिंह, सुरेंद्र, नवदीप गर्ग, जिला शिक्षा अधिकारी आत्म प्रकाश मेहरा, जिला मत्स्य अधिकारी जगदीश, हरविंद्र मान, कंवरजीत कौर, डा. जस्सी, ज्योति मेहता मौजूद रहे।
श्री बेदी ने कहा कि भारत के संविधान में प्रमुख योगदान देने वाले डां भीमराव अंबेडकर को बाबासाहेब के नाम भी जाना जाता है पूरे जीवन संघर्ष का साथ देने वाले भीमराव अंबेडकर का जीवन हम सभी के लिए अनुकरणीय है। भीमराव अंबेडकर का मानना था की हमारा जीवन वो नदी है जिसके लिए कोई भी बने बनाये रास्ते की जरूरत नही है यदि हम जिधर निकल जाए वही हमारी जीवन रूपी नदी अपना रास्ता बना लेंगी अर्थात जीवन में हम सब ठान ले तो निश्चित ही हम सभी अपने जीवन का लक्ष्य पा सकते है।
मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन आदित्य देवीलाल ने कहा कि बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, जिन्होंने अपने जीवन में संघर्ष करते हुए शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो, के मूल मंत्र के साथ समस्त समाज को जगाने का काम किया। भीमराव अंबेडकर के जीवन मूल्यों को अपने जीवन में आत्मसात करते हुए देश की खुशहाली, समृद्धि व विकास में अपना योगदान देकर इस समारोह के उद्देश्य को सार्थक करें।
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने साधनों का अभाव रहते हुए भी शिक्षा के क्षेत्र में विश्व में उच्च मुकाम हासिल किया। वे पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिनको ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने सिंबल ऑफ नॉलेज से नवाजा। उनका जीवन संघर्षों से भरा हुआ था। वे भारतीय संविधान के शिल्पकार थे। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा, श्रेष्ठ व समृद्ध संविधान है। हमें बाबा साहेब के जीवन से शिक्षा लेते हुए उनके जीवन मूल्यों को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए।
वरिष्ठ भाजपा नेता गोविंद कांडा ने कहा कि भीम राव अंबेडकर ने जीवन में आई मुश्किलों से कभी हार नहीं मानी। बाबा साहेब ने समाज से जाति-पाति व छुआछूत को मिटाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल दोनों का नजरिया अंतिम पंक्ति पर खड़े व्यक्ति को सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने का है और इसी सोच के अनुरूप गरीब व जरूरतमंद लोगों के लिए अनेकों जनकल्याणकारी योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि संत-महापुरुष किसी एक वर्ग विशेष या समाज के नहीं होते। उनकी शिक्षाएं समाज के सभी वर्ग के लोगों के लिए होती हैं। बाबा साहेब ने महिलाओं का वोट का अधिकार दिलाने का काम किया। इसी प्रकार हिंदू मैरिज एक्ट भी उन्हीं की देन है। आज जिस प्रकार से महिलाएं हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर भाग ले रही हैं, यह सब बाबा साहेब की ही बदौलत है।