नशा मुक्ति कैंप हो रहे कारगर, 22 लोग हुए पूरी तरह से नशा मुक्त

आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट
उपायुक्त पार्थ गुप्ता के निर्देश पर प्रशासन नशा मुक्ति अभियान के तहत नशा के खिलाफ उठा रहा कड़े कदम
सिरसा, 10 मई:-नशा को लेकर प्रशासन लगातार कड़े कदम उठा रहा है। जहां लोगों को नशा को लेकर जागरूक किया जा रहा है, वहीं उपचार व काउंसलिंग के माध्यम से नशा से पीड़ित लोगों को नशा की दलदल से बाहर निकाला जा रहा है। इसी कड़ी में प्रशासन की ओर से गांव स्तर पर लगाए गए नशा मुक्ति कैंप नशा मुक्त सिरसा मुहिम में कारगर साबित हो रहे हैं। प्रशासन की ओर से नशा प्रभावित चिन्हित सात गांवों में नशा मुक्ति कैंप लगाए गए, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आने शुरु हो गए हैं। इन कैंपों के माध्यम से उपचार लेकर 22 पीडि़त लोग पूरी तरह से नशा मुक्त हो चुके हैं और 15 पीडि़त और नशा से मुक्त होने की कगार पर हैं।
कैंपों में उपचार से 22 ने छोड़ा पूरी तरह से नशा, 15 छोडऩे की कगार पर :
उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने अधिकारियों को नशा के खिलाफ जहां कड़े कदम उठाने बारे निर्देश दिए हैं, वहीं योजनाबद्ध तरीके से लोगों को पूरी तरह से नशा मुक्त बारे कार्य करने को कहा गया है। इसी कड़ी में गांव स्तर पर ही नशा पीडि़त लोगों को उपचार देने व उनकी काउंसलिंग के लिए कैंप लगाए गए। जिला के नशा प्रभावित चिन्हित किए गए गांव बनी, बईयां, जीवन नगर, मलेकां, भावदीन, दड़बा कला व गांव देसूजोधा में कैंप लगाए गए। कैंप में विशेषज्ञों व डॉक्टर की टीम द्वारा पीडि़त लोगों की काउसलिंग कर उन्हें नशा छोडऩे के लिए प्रेरित किया गया, वहीं उनका उपचार भी किया गया। इन कैंपों में अब तक 22 नशा पीडि़तों ने पूरी तरह से नशा छोड़ दिया है। इन लोगों की लगातार निगरानी की जा रही है, जिससे पता चला कि इन्होंने दोबारा नशा नहीं किया। अब पूरी तरह से नशा मुक्त हो चुके हैं। इसी तरह से 15 और नशा पीड़ित नशा मुक्त होने की कगार पर हैं।
नशा मुक्ति के लिए जागरुकता के साथ उपचार भी जरूरी :
उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बताया कि प्रशासन का प्रयास है कि सिरसा पूरी तरह से नशा मुक्त हो और इस दिशा में प्रशासन पूरी तरह से कटिबद्घत के साथ कार्य कर रहा है। नशा पीडि़त को जहां जागरूक करने की जरूरत है, वहीं उसे उपचार के लिए भी प्रेरित किया जाना चाहिए। इसी उद्देश्य से प्रशासन ने नशा प्रभावित गांव में नशा मुक्ति कैंप लगाए थे। इन कैंपों में नशा पीड़ितों की जहां काउंसलिंग की गई, वहीं उनका नि:शुल्क उपचार किया गया। उपचार के साथ-साथ उन पर निगरानी भी रखी गई। इन कैंपों का सकारात्मक पहलू यह रहा कि इन कैंपों के माध्यम से उपचार लेकर 22 लोग जो नशा से पीड़ित थे, वो अब पूरी तरह से नशा छोड़ चुके हैं और 15 लोग ऐसे हैं, जिनका उपचार चल रहा है। जल्द ही ये लोग भी नशा से मुक्त हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसी एक व्यक्ति का नशा से मुक्त होना न केवल किसी परिवार बल्कि समाज के लिए भी भलाई का कार्य होता है। इसलिए लोगों को चाहिए कि वे अपने आसपास जो भी नशा से पीड़ित हैं, उसे जागरूक करें। साथ ही उसे उपचार के लिए प्रेरित करें।