
आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट
-नौकरी लेने वाले नहीं नौकरी देने वाले सपने के साथ आगे बढ़े सभी युवा
-कृषि में वैज्ञानिक तकनीकों का प्रयोग करने से ही किसान अपनी आमदनी का कर सकते हैं दोगुना: दिनेश चौहान
-जिला पुलिस लाईन ग्राउंड में आयोजित जिला व्यापार मेले में किया गया सेमिनार का आयोजन
सोनीपत, 16 अप्रैल:- आजादी का अमृत महोत्सव की श्रंखला में जिला प्रशासन द्वारा जिला पुलिस लाईन ग्राउंड में 18 अप्रैल तक जिला व्यापार मेले का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें जिला के विभिन्न शिक्षण संस्थानों से विद्यार्थी और युवा भारी संख्या में पहुंचकर स्कील के माध्यम से जीवन में कैसे आगे बढ़ा जाए इन सभी पहलुओं पर जिला के कामयाब उद्योगपतियों से प्रेरणा ले रहे हैं। मेले के तीसरे दिन एक सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसका शुभारंभ खरखौदा एसडीएम ज्योति मित्तल ने किया।सेमिनार में सेक्टर-12 स्थित राजकीय महिला कॉलेज से प्रो० राजवंती धनखड़ व मनौली से आए प्रगतिशील किसान दिनेश चौहान ने अपने वक्तव्य के माध्यम से विद्यार्थियों व युवाओं को जीवन में आगे बढने का मूल मंत्र दिया।सेमिनार में सेक्टर-12 स्थित राजकीय महिला कॉलेज से प्रो० राजवंती धनखड़ ने कहा कि आज के युग में सफल व्यक्ति बनने के लिए डिग्री के साथ-साथ व्यक्ति में स्कील का होना भी जरूरी है, क्योंकि स्कील के माध्यम से ही व्यक्ति कुछ ऐसी चीज का निर्माण कर पाता है जो उसे एक अच्छा उद्योगपति बनाने में मदद करती है। उन्होंने कहा कि उम्र किसी भी सफलता की मोहताज नहीं होती, क्योंकि एक सफल व्यक्ति बनने के लिए उम्र कोई भी हो सकती है बस व्यक्ति के पास एक टारगेट होना चाहिए।
उसी टारगेट को पूरा करने के लिए उसे ही सबसे ज्यादा समय दोगे तो एक दिन आप ऐसा मुकाम हासिल करोगे जो सभी के लिए उदाहरण बनने का कार्य करेगा।प्रो० धनखड़ ने अद्वैत ठाकुर का उदाहरण देते हुए कहा कि इस बच्चे ने 09 साल की उम्र में एक वेबसाईट का निर्माण किया और 17 साल की उम्र में एपेक्स इंफोसिस इंडिया कंपनी की शुरूआत की। यह बच्चा इतनी छोटी सी उम्र में इतनी बड़ी कंपनी इसलिए बना पाया क्योंकि इसने अपने टारगेट पर कार्य किया उसे ही पूरा समय दिया और एक दिन कामयाब हुआ। उन्होंने कहा कि सभी युवा नौकरी लेने वाले नहीं नौकरी देने वाले सपने के साथ आगे बढ़े तभी हमारा देश आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का सपना तभी साकार होगा जब हमारे युवा इस विजन के साथ आगे बढ़ेगे की हमें अपनी स्कील के दम पर कुछ ऐसा करना है जो हर किसी के लिए उदाहरण बने।प्रो० धनखड़ ने कहा आज के युग में इंटरनेट ने लोगों की जिंदगी को बदल दिया है और हम हर चीज के ज्ञान को इंटरनेट से प्राप्त कर सकते हैं। इसी इंटरनेट व यूट्यूब की बदौलत कई शिक्षकों ने ऑनलाईन क्लास का बिजनेस बना लिया है और वो आज आनलाईन माध्यम से लाखों बच्चों को घर बैठे पढ़ा रहे हैं और पैसा कमा रहे हैं। इसलिए ये भी कहा जा सकता है कि अगर हम इंटरनेट का सही प्रयोग करेंगे तो कामयाब हो जाएंगे और गलत प्रयोग करेंगे तो बर्बाद हो जाएंगे।सेमिनार में मनौली गांव से आए एक प्रगतिशील किसान दिनेश चौहान ने बताया कि आज के युग में अगर हम कृषि में वैज्ञानिक तकनीकों का प्रयोग करेंगे तो किसान अपनी आमदनी को दोगुना ही नहीं कई गुना बढ़ा सकता है। बस हमें पारंपरिक गेहूँ व धान की खेती को छोडक़र ऐसी खेती करने होगी, जिसकी डिमांड आजकल भारतीय बाजार के अलावा विदेशी बाजार में भी है।
तकनीकी खेती करने से पहले किसानों इसके लिए प्रशिक्षण ले और फिर इस खेती को शुरू करें। उन्होंने बताया कि आज मनौली के आस पास के गांवों की सब्जी, स्वीटा कॉर्न, बेबी कोर्न व अन्य कृषि प्रोडक्ट की डिमांड यूरोप व अमेरिका तक है और प्रतिदिन ये चीजें भारत से इन देशों में निर्यात की जाती है।प्रगतिशील किसान दिनेश चौहान ने बताया कि वैज्ञानिक तरीके से कृषि करने से पानी की भी बचत होती है क्योंकि इसमें पौधो को पानी डीप तकनीक से दिया जाता है। इसलिए सभी किसान वैज्ञानिक तरीकों को अपनाएं। भले ही पहले साल मुनाफा कम हो लेकिन एक दिन जरूर आपको इतना मुनाफा होगा जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते।इस मौके पर एमएसएमई विभाग के संयुक्त निदेशक संदीप दांगी, एमएसएमई से औद्योगिक विस्तार अधिकारी भूषण कुमार, जिला औद्योगिक केन्द्र से औद्योगिक विस्तार अधिकारी मंजीत दहिया, नगर निगम से एक्सएईन पंकज सैनी, डॉ0 सुभाष सिसोदिया तथा राजेन्द्र सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।शिवा शिक्षा सदन के बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम ने मेले में मचाई धूममेले में आयोजित सेमिनार के दौरान शिवा शिक्षा सदन के बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने धूम मचा दी। इस दौरान बच्चों ने सबसे पहले सरस्वति व गणेश वंदना की प्रस्तुति दी, जिसमें उपस्थित विद्यार्थी झूमते नजर आए। इसके बाद बच्चों ने भरतनाट्यम, योद्धा बन गई मैं और राजस्थानी नृत्य की प्रस्तुति दी, जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों की संस्कृति के बारे में जानने का मौका मिला।