सोनीपत की मंडियों व खरीद केंद्रों मे 03 लाख 50 हजार 780.4 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद

आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा 115091, हैफेड द्वारा 132405.4, एचडब्ल्यूसी द्वारा 69752 व एफसीआई द्वारा 33532 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद
सोनीपत, 11 मई:- उपायुक्त ललित सिवाच ने बताया कि जिला की विभिन्न 24 मंडियों व खरीद केंद्रों में 03 लाख 50 हजार 780.4 मीट्रिक टन गेहूं की आवक हो चुकी है। इस गेहूं को विभिन्न एजेंसियों द्वारा खरीद लिया गया है।उपायुक्त ने बताया कि जिला की विभिन्न मंडियों में पहुंचे 03 लाख 50 हजार 780.4 मीट्रिक टन गेहूं में से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा 115091, हैफेड द्वारा 132405.4, एचडब्ल्यूसी द्वारा 69752 व एफसीआई द्वारा 33532 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है।जिला की मंडियों में पहुंचे गेहूं में बरोदा खरीद केन्द्र पर 4780 मीट्रिक टन, भैसवाल खरीद केन्द्र पर 5085 मीट्रिक टन, बिचपड़ी खरीद केन्द्र पर 1313.65 मीट्रिक टन, दतौली खरीद केन्द्र पर 4652 मीट्रिक टन, फरमाणा खरीद केन्द्र पर 15552 मीट्रिक टन, गन्नौर अनाज मण्डी में 23572 मीट्रिक टन, गोहाना अनाज मण्डी में 124801 मीट्रिक टन, कासंडी खरीद केन्द्र पर 12010 मीट्रिक टन, कथूरा खरीद केन्द्र पर 8771 मीट्रिक टन, खानपुर खरीद केन्द्र पर 5313 मीट्रिक टन, खरखौदा अनाज मण्डी में 47573 मीट्रिक टन, मुण्डलाना खरीद केन्द्र पर 6498 मीट्रिक टन, मुरथल खरीद केन्द्र पर 9303.75 मीट्रिक टन, नाहरा खरीद केन्द्र पर 6745 मीट्रिक टन, पुगथला खरीद केन्द्र पर 17912 मीट्रिक टन, पुरखास खरीद केन्द्र पर 3882 मीट्रिक टन, रूखी खरीद केन्द्र पर 17372 मीट्रिक टन, सनपेड़ा खरीद केन्द्र पर 7907 मीट्रिक टन तथा सोनीपत अनाज मण्डी में 22062 मीट्रिक टन तथा सोनीपत साइलो में 5676 मीट्रिक टन गेहूं की आवक हुई है। उपायुक्त सिवाच ने बताया कि 03 लाख 50 हजार 780.4 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद 2125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की गई है। बॉक्स -उपायुक्त ललित सिवाच ने किसानों का आह्वïान किया है कि वे अपनी फसल अवशेषों को न जलाए। फसल अवशेषों से पशुओं के लिए चारा बनाकर चारे की कमी को दूर किया जा सकता है। फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है तथा जानमाल की हानि होनेे का अंदेशा बना रहता है। फसल अवशेष जलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कमजोर होती है तथा किसान के मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं। जिला में फसल अवशेष जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।