
आर पी डब्लू न्यूज़/राजीव मेहता
यमुनानगर दिसंबर 28:-भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी,पार्टी के स्थापना दिवस के अवसर पर 25 दिसम्बर से 30 दिसम्बर तक जन जागरण सप्ताह मना रहा है। जिसमे पार्टी के कार्यकर्ता आम जनता के बीच पहुंच कर उनकी समस्याएं सुनने का कार्य कर रहे है व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी व उसके जनसंगठनों के कार्यक्रम की जानकारी देते हुए, जनता से संबंधित जन समस्याओं, बुढ़ापा, विकलांगता, विधवा पेंशन, भवन निर्माण श्रमिक रजिस्ट्रेशन, राशन कार्ड, श्रमिक कार्ड, किसानों की समस्याओं, सड़कों, गलियों, पानी व शिक्षा, रोजगार की समस्याओं आदी पर चर्चा की जा रही है।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सह सचिव एडवोकेट हरभजन सिंह संधू ने बताया कि स्वतंत्रता आंदोलन में भारत के कम्युनिस्टों का विशेष योगदान रहा है, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना 26 दिसम्बर 1925 को कानपुर में संपन्न एक राष्ट्रीय सम्मेलन में हुई थी।

कानपुर सम्मेलन में पार्टी (सीपीआई) ने दो लक्ष्य घोषित किए थे, पहला ब्रिटिश सम्राज्यवाद से देश को आजाद कराना और दूसरा स्वतंत्र भारत की अर्थव्यवस्था को इस तरह से विकसित करना जो मेहनतकश किसान समुदाय के साथ मिलकर मजदूर वर्ग से नेतृत्व में समाजवादी समाज की स्थापना के लिए आवश्यक मुद्दों को हल करे,यानी देश में शोषणविहीन (समाजवादी) व्यवस्था का निर्माण करना भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का अंतिम लक्ष्य रखा गया।अपने स्थापना काल से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने इन लक्ष्यों तक पहुंचने का निरंतर प्रयास जारी रखा। स्वतंत्रता आंदोलन में देश के श्रमिकों, किसानों, छात्रों, युवाओं, बुद्धिजीवियों, कलाकारों सहित तमाम तबकों को शामिल किया गया और उनके संगठन बनाने में मदद की।15 अगस्त 1947 को देश के आजाद होने के बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने अपने दूसरे लक्ष्य की प्राप्ति के लिए संसद के अंदर व संसद के बाहर निरन्तर संघर्ष किया। देश के विकास के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के गठन, बैंको के राष्ट्रीयकरण, श्रमिकों के अधिकारों के लिए अनेक कानून, दलितों, पिछड़ों, महिलाओं की समाजिक सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों में पार्टी ने अग्रणी भूमिका निभाई। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का देश कि एकता,अखंडता की रक्षा के लिए अनेक बलिदान देने का गौरवशाली इतिहास रहा है, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने देवेगौड़ा व इंद्रकुमार गुजराल के नेतृत्व में चली संयुक्त मोर्चे की सरकार में भाग लिया और जनता विशेषक कानूनों व बीपीएल परिवारों को राहत दिलाने का भरपूर प्रयास किया।

सीपीआई ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यू पी ए 1) को बाहर ने समर्थन दिया और सूचना का अधिकार, मनरेगा, आदिवासियों का जमीन पर अधिकार, महिलाओं पर हिंसा रोकने जैसे कानून बनवाने में योगदान दिया तथा लंबे समय तक चले किसान आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।उन्होंने बताया 31 दिसम्बर 2022 को प्रातः 11 बजे, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी अपना स्थापना समारोह, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी कार्यालय, भगत सिंह हॉल, तेजली रोड, नजदीक भारतीय स्टेट बैंक पर मनाएगी।