
आर पी डब्लू न्यूज़/राजीव मेहता

यमुनानगर, 03 फरवरी :- संत शिरोमणि गुरू रविदास महाराज की 646वीं राज्य स्तरीय जयंती पर शुक्रवार को राज्य स्तरीय समारोह नई अनाज मण्डी जगाधरी में आयोजित किया गया। इस राज्य स्तरीय कार्यक्रम में रविदास विश्व महापीठ के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष एंव पूर्व राज्यसभा सांसद दुष्यंत गौतम मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। हरियाणा विधान सभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता, शिक्षा मंत्री कंवर पाल, अम्बाला के सांसद रतन लाल कटारिया, पानीपत से सांसद संजय भाटिया,कुरुक्षेत्र से सांसद नायब सैनी, प्रदेश मंत्री पवन सैनी, प्रदेश प्रवक्ता अनिल धनतौड़ी सहित चार जिलों के विधायक, चैयरमेन व गणमान्य व्यक्ति विशेष रूप से शामिल रहें।मुख्य अतिथि दुष्यंत गौतम ने प्रदेश वासियों को संत रविदास की जयंती पर बधाई देते हुए अपने संबोधन में कहा कि समाज में सभी धर्म का सम्मान करते हुए सामाजिक समरसता का भाव रखना चाहिए। उन्होंने संत रविदास के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि व्यक्ति अपने कर्मों से नीच होता है ,जाति से नही। संत रविदास ने कभी चमार शब्द को छोटा नही कहा। उनके जन्म स्थल बनारस में भारत सरकार द्वारा भव्य मंदिर बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री देश के सभी धर्मों और संत समाज का आदर करते है। उन्होंने कहा कि संत रविदास जी की तरह संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर का भी हमारे समाज के उत्थान में बहुमूल्य योगदान रहा है। उनके जन्मदिन के साथ-साथ संविधान दिवस पर भी उन्हें याद किया जाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कभी भीमराव अंबेडकर ने वह सम्मान नही दिया जो उन्हें मिलना चाहिए था। वे केवल दलित नेता नही थे, बल्कि संविधान के निर्माता थे। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि डॉक्टर अंबेडकर की यादों को कभी संजो कर नही रखा। उनकी चीजों को दीमक खा गई । आज नई पीढ़ी यह सब पूछती है। उनकी याद में आज 13 एकड़ का एक स्मृति संग्रहालय मुंबई में बनाया जा रहा है। डॉक्टर अंबेडकर ने भी पाखंड का विरोध किया था। उन्होंने कहा कि संविधान के प्रियंबल बदलने का काम कांग्रेस ने किया। आरक्षण हटाने के बात कही जाती है। हमारी सरकार दलित और पिछड़ों के लिए काम कर रही है। वर्तमान हरियाणा भाजपा सरकार सभी धर्म, जाति और वर्ग के लोगों को साथ लेकर चलने का कार्य कर रही है। कार्यक्रम में पहुंचे सभी मंत्रियों, सांसदों व विधायकों ने भी संबोधित किया। समारोह के आयोजकों द्वारा मुख्य अतिथि और आए हुए संतों का भी स्मृति चिन्ह व पटका पहनाकर सम्मान किया। इस मौके पर पंचकूला, कुरूक्षेत्र, यमुनानगर व अंबाला जिलों के श्रद्धालु हजारों की संख्या में अपनी खुशियों का इजहार करते हुए ढोल नगाड़े बजाते हुए समारोह में शामिल हुए।