
आर पी डब्लू न्यूज़/राजीव मेहता
यमुनानगर में अल्ट्रासाउंड की केवल एक सरकारी मशीन वह भी रविवार को इस्तेमाल में नहीं

यमुनानगर, फरवरी 6:-यमुनानगर के जगाधरी सिविल अस्पताल के डॉक्टर्स पर लापरवाही का आरोप लगा है. एक गर्भवती महिला के परिजनों ने रविवार को अस्पताल में उस वक्त हंगामा कर दिया जब उन्हे पता चला कि गर्भ में बच्चे की मौत हो गई है. वहीं अस्पताल के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने बताया कि सिर्फ यमुनानगर के अस्पताल में ही अल्ट्रासाउंड की केवल एक सरकारी मशीन है जिसे चलाने वाला रविवार को मौजूद नहीं रहता. जिससे सरकार के स्वास्थ्य संबंधी दावे भी खोखले साबित हो रहे हैं
यमुनानगर के जगाधरी सिविल अस्पताल में रविवार की शाम हंगामा देखने को मिला. दरअसल माधोबास गांव की 29 वर्षीय सुमन को शनिवार दोपहर उसका पति जगाधरी के सिविल अस्पताल लेकर आया था. डिलिवरी के लिए उसे एडमिट भी कर लिया गया. लेकिन आरोप है कि एडमिट करने के बाद मरीज पर कोई ध्यान नहीं दिया गया और रविवार दोपहर करीब ढ़ाई बजे परिजनों को अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए कहा गया. महिला के पति ने बताया कि उन्हे अस्पताल की तरफ से एम्बुलेंस भी उपलब्ध नहीं करवाई गई और वो दर्द में तड़पती अपनी पत्नी को बाइक पर लेकर ही अल्ट्रासाउंड करवाने गया जिसके लिए भी उसे धक्के खाने पड़े क्योंकि रविवार होने के चलते ज्यादातर डायग्नोस्टिक सेंटर भी बंद थे. अल्ट्रासाउंड के दौरान उन्हें पता चला कि गर्भ में पल रहे बच्चे ने 1 बजे ही दम तोड़ दिया था. उन्होंने आरोप लगाया कि यहां के डॉक्टर्स की लापरवाही की वजह से उनके बच्चे की जान गई है।

वही जब इस बारे में अस्पताल प्रबंधन से बातचीत की गई तो डॉक्टर्स का कहना था कि करीब 2 बजे बच्चे की धड़कन ना मिलने की वजह से परिजनों को अल्ट्रासाउंड के लिए बोला गया था. उनके अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन ना होने की वजह से प्राइवेट अल्ट्रासाउंड के लिए कहा गया लेकिन अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में सामने आया कि गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो चुकी है लेकिन महिला बिल्कुल ठीक है और उसका इलाज जारी है. वहीं जब उनसे सरकारी अल्ट्रासाउंड मशीन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सिर्फ यमुनानगर सिविल अस्पताल में एक अल्ट्रासाउंड मशीन है जो भी रविवार के दिन उपलब्ध नहीं होती ।
फिलहाल देखना ये होगा कि स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी या फिर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज इस मामले में कोई संज्ञान लेकर ऐसी असुविधाओं को ठीक करने के लिए कोई कदम उठाते हैं या नहीं।