
आर पी डब्लू न्यूज़/राजीव मेहता

यमुनानगर, फरवरी 9:- निजी स्कूलों की बढती मनमानीयो की शिकायत लेकर महेन्द्र मित्तल के नेतृत्व में पहुँचा अभिभावक सेवा मंच फिर एक बार अभिभावकों की समस्याओं को लेकर पिछले कुछ दिनों से निजी स्कूलों के प्रधानाचार्य स्कूल के ग्रुप में डेवलपमेंट चार्ज फार्म -6 मे न भरे होने के बाद भी वसूलने का हक जता रहे हैं और अभिभावकों को स्कूल के लिए पैसा जुटाने के लिए संदेश भेज रहें हैं साथ ही धमकीनुमा चेतवानी भी दे डाली कि वार्षिक शुल्क न भरा तो भविष्य में आपको असुविधाओं का सामना करना पड़ेगा ।
महेन्द्र मित्तल ने कहा कि इस तरह की बातें करना प्रधानाचार्य को बोलना शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कई संस्थाओं के निजी स्कूल सरकार से सस्ते दामों पर इस शर्त पर जमीन लेते हैं कि वे जनता को शिक्षा बिना लाभ के लिए उपलब्ध करवाएंगे पर बाद उन निजी स्कूलों ने लालच में अपने रंग ढंग बदल आम जनता को लुटने का काम शुरू कर दिया है। इसके विरोध में आज अभिभावकों ने शिक्षा मन्त्री से भेंट कर उन्हें परेशानी से उन स्कूलों के नामों से अवगत कराया। जिन्होंने सस्ते दामों पर जमीन ली हुई है। सेवा मंच के विपिन गुप्ता व संदीप गांधी ने चर्चा के दौरान कहा कि पिछले साल अप्रैल के महीने में 58 निजी स्कूलों की जांच सरकारी स्कूलों के अधिकारीयों ने की थी उन की जांच रिपोर्ट बार-बार मांगने पर भी शिक्षा विभाग क्यों नहीं दे रहा। जबकि शिक्षा मंत्री होने के नाते आपका नैतिक दायित्व बनता है कि आप जनहित में रिपोर्ट में पाई गई खामियों पर सख्त कार्यवाही करते। आपने कार्यवाही न करके प्रदेश की जनता को स्कूलों के कोप का भाजन बनने के लिए छोड़ दिया। जोकि सरासर प्रदेश की जनता की उम्मीदों पर कुठाराघात है। जब मीडिया ने भी 58 स्कूलों की जांच रिपोर्ट पर जवाब मांगा तो इस पर शिक्षा मन्त्री ने चुप्पी साध ली। कहा नो कमेन्ट !साथ ही महिला प्रभारी सुमन बाल्मीकि ने पुरजोर मांग रखी कि हर साल नया सेशन शुरू होने के बाद ही एक सोची समझी साजिश के तहत शिक्षा विभाग निजी स्कूलों को एन. सी.आर.टी. की किताबें लगाने के निर्देश जारी करता है। और तब तक निजी स्कूल अपने प्रांगण में ही निजी प्रकाशकों की पुस्तकें बेच चुका होते हैं। यदि आपने निजी स्कूलों को पहले ही नहीं रोका तो अभिभावक सेवा मंच अपने स्तर पर ऐसा इस बार बिल्कुल नहीं होने देगा। व समय पर स्कूल फीस न दे पाने के कारण विद्यार्थीयो को परीक्षा से न वंचित करने अथवा भारी भरकम जुर्माना लगाने से रोकने के निर्देश जारी किए जाने की मांग रखी गई ।

महेन्द्र मित्तल ने कहा कि अच्छी शिक्षा सबका मौलिक अधिकार है कुछ अभिभावक महामंदी और बेरोजगारी के चलते समय पर स्कूल फीस समय पर नहीं दे पा रहें हैं सरकार उनकी वेदनाओं को समझे ।करोना काल से पहले वे सक्षम थे तभी तो उन्होंने निजी स्कूलों में बच्चो का दाखिला करवाया था उनकी करूणामय पुकार पर रहम करे ।निजी स्कूल उन्हें परेशान न करें और न ही बच्चों को प्रताडना दी जाए।मंच के पदाधिकारी संजय मित्तल ने बल देकर कहा कि शिक्षा का स्तर विदेशों के स्तर के अनुसार बनाए जाने की जरुरत है। बढती बेरोजगारी के चलते हर तीसरे घर से प्रतिभावान पीढ़ी कर्जे लेकर विदेशों का रूख कर रही है जिसके दूरगामी परिणाम बहुत भयावह होगें। अतः हमें स्वदेश में ही सम्मानजनक रोजगारपरक शिक्षा के अवसर प्रदान करनें होंगे । ताकि विदेशों से लोग हमारे देश में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा ग्रहण करने आयें जो देश की उन्नति के लिए व छात्रों के सुनहरे भविष्य के लिए निर्णायक भूमिका निभाएगा।मंतरी जी ने मांग पत्र लेते हुए जांच की जाऐगी का रटा -रटाया जुमला सुना दिया। इस अवसर पर चेतन भिक्षु, विकास गाबा, मंच के प्रभारी संजीव गुप्ता, शैन्की गुप्ता, विपिन गुप्ता, ज्योति गुप्ता, कोमल, प्रिया, सुमन, विजय, विशाल गुप्ता आदि विभिन्न स्कूलों से आये अन्य अभिभावकों ने भी चर्चा में भाग लिया।