
आर पी डब्लू न्यूज़/राजीव मेहता

यमुनानगर, 12 अप्रैल:- यमुनानगर मे आज अभिभावक सेवा मंच के पदाधिकारी व कुछ स्कूलों के अभिभावक महेन्द्र मित्तल के नेतृत्व में जिला शिक्षा अधिकारी के पास पहुँचे। तीन मुददों पर चर्चा व एक बार अभिभावकों की तीखी नोंक-झोंक भी होते होते बची। पहला झटका उन अभिभावकों को तब लगा जब जिला शिक्षा अधिकारी ने यह कह दिया कि साढे पांच साल के बच्चों को केवल इसी साल 30 सितम्बर तक की छूट मिली है आगामी सालों में जो बच्चे 31 मार्च को छ साल के होंगे वे ही पहली कक्षा में दाखिल हो पायेगे।यानि शिक्षा मन्त्री ने जो शब्द और वादा किया था कि मैंने तीन साल के छूट दे दी वह बात गलत साबित हुई अभिभावक बहुत निराश हुए। किसी को यह अंदाजा नहीं था कि शिक्षा मंतरी जी अपनी बात से पलटते हुए नन्हे मुन्ने बच्चो के भविष्य को फिर से दांव पर लगा देंगे और आज नर्सरी करने वाले बच्चे अगले साल फिर से गुहार लेकर दर-दर भटकने को मजबूर होंगे कि हमारा साल मत खराब करो ।फिर दूसरे मुद्दे पर बात हुई कि निजी स्कूलों के प्राईवेट पब्लिशर्स की किताबें लगाने पर लगाम क्यो नही लगाई जाती। जवाब में यह आया कि मुझें शिकायत दो मैं कार्यवाही करूंगा। इस पर विपिन गुप्ता व विकास ने कहा कि हमने आपको इस साल जनवरी माह में ही एपलीकेशन दे दी थी और अभिभावकों ने अखबार की कटिंग भी दिखाई तो भी वे कहने लगे मेरे कर्मचारी ने मुझे अवगत नहीं करवाया। तीसरी बात 58 स्कूलों की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने के आर टी आई की रिपोर्ट 58 दिन बाद भी न मिलने पर शिक्षा अधिकारी गोल-मोल जवाब देते रहें कि हमारे पास इस तरह के आदेशों का रिकार्ड नहीं मिला ।

इस पर संदीप गांधी ने नोटिस की कापी उनके हाथ में थमा दी कि ये आपके विभाग के आदेश थे तब जाकर शिक्षा अधिकारी ने कहा कि जांच शायद हुई ही नहीं मुझे यहाँ पर इसका कोई रिकॉर्ड नहीं मिला ।मुझसे पहले सतपाल कोशिक शिखा अधिकारी थे उनके पास शायाद इस बारे मे रिकार्ड हो आप स्कूलों का नाम दो मैं पुनः जांच करूँगा इस पर अभिभावक बिफर गये कि फिर एक साल अभिभावकों को बेवकूफ बनाया जाएगा। जांच के नाम पर निजी स्कूलों को मनमानी करने का एक साल और मोका दिया जाऐगा।