
आर पी डब्लू न्यूज़/राजीव मेहता

यमुनानगर, 25 अप्रैल:- जिलेभर में गर्मी के मौसम में मलेरिया व डेंगू जैसी बीमारी न फैलने पाएं इसके लिए स्वास्थ्य विभाग तन्मयता से स्वास्थ्य सुरक्षात्मक कदम उठाएं। आमजन को जागरूक किया जाए कि मलेरिया व अन्य जल जनित बीमारियों से बचाव के लिए सभी को सजग रहने की आवश्यकता है। उपायुक्त मंगलवार को जिला सचिवालय सभागार में स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ मलेरिया व डेंगू सरीखी बीमारियों से बचाव के लिए उठाए जा रहे कदमों की समीक्षात्मक बैठक ले रहे थे।उन्होंने बैठक में कहा कि जिला में कोरोना संक्रमण रोकथाम के साथ ही अब बदलते मौसम में मलेरिया व डेंगू जैसी बीमारियों पर रोक लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूर्ण रूप से गंभीरता से कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के सहयोगी के रूप में जिला प्रशासन टीम भावना के साथ कार्य करेगा। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को शहरी क्षेत्रों तथा डीडीपीओ को ग्रामीण क्षेत्रों में मलेरिया से बचाव की दिशा में फॉगिंग कराने के निर्देश दिए।मलेरिया उन्मूलन की दिशा में उठाए सार्थक कदम- डीसी राहुल हुड्डा।डीसी राहुल हुड्डा ने बताया कि जिला में ब्रीडिंग चेकर, फील्ड वर्कर द्वारा घर-घर जाकर मलेरिया उन्मूलन संबंधी मच्छर के लार्वा की ब्रीडिंग की जांच की जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिले में फॉगिंग का कार्य तेज गति से करवाएं। उन्होंने डीडीपीओ को निर्देश दिए कि वे गांवों में मलेरिया से जागरूकता बारे तथा फोगिंग का कार्य को शीघ्रता से पूरा करवाएं। उन्होंने कहा कि गांवों में तालाबों व जोहड़ो में गम्बुजिया मछली भी छोड़ी जाए जो मच्छरों को पनपने नहीं देती। उन्होंने निर्देश दिए कि मलेरिया उन्मूलन की सभी टीम ठहरे हुए पानी में काला तेल व टेमिफोस की दवाई का छिडक़ाव करें, जिससे मच्छर का लारवा खत्म हो सके और जानलेवा बीमारी फैलाने वाले मच्छरों की उत्पत्ति पर पूर्ण रूप से रोक लग सके।उन्होंने जिला के नागरिकों से आह्वान करते हुए कहा कि वे स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। एक जगह पर पानी को इकठा न होने दें। उन्होंने बताया कि मच्छर ठहरे (एकत्रित) हुए पानी मे अंडे देते हैं, जिससे मलेरिया व डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छरों की बढ़ोतरी तेजी से होती है। उन्होंने कहा कि सभी लोग सप्ताह में एक दिन रविवार को ड्राइ डे के रूप मे मनाएं, इस दिन घर के सभी कूलर व टंकियों को अच्छी तरह से कपड़े से रगडक़र साफ कर लें, फ्रिज की ट्रे का पानी जो बिजली जाने के बाद फ्रिज की बर्फ के पिघलने से ट्रे में एकत्रित होता है, उसको जरूर साफ करें, क्योंकि फ्रिज की ट्रे के साफ पानी में डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर की उत्पत्ति होती है। घर मे प्रयोग किए जा रहे एसी के पानी को एकत्रित न होने दें। क्योंकि एसी के साफ एकत्रित पानी में भी डेंगू फैलाने वाले मच्छर पैदा होते हैं, जिस पानी को निकालना संभव न हो उसमें काला तेल या डीजल डाल सकते हैं, जिससे मच्छरों की उत्पत्ति न हो पाए। उन्होंने बताया कि कुलर, पुराने टायर, फूलदान, पानी एकत्रित होने वाले सभी बर्तनों इत्यादि को समय-समय पर चैक करें ताकि उसमें पानी खड़ा न हो और इसमें मच्छर पैदा न होने पाएं। उन्होंने कहा कि नागरिक रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें ताकि मच्छर के काटने से बचा जा सके।उप सिविल सर्जन एवं जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. सुशीला सैनी ने बताया कि मलेरिया के शुरूआती लक्षणों में तेज ठंड के साथ बुखार आना, सिर दर्द होना व उल्टियों का आना है। इसलिए कोई भी बुखार आने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर मलेरिया की जांच करवाएं और अगर मलेरिया जांच में पाया जाता है तो उसका 14 दिन का इलाज स्वास्थ्यकर्मी की देखरेख में कराएं।यह रहे मौजूद- इस बैठक में जिला परिषद के सीईओ नवीन आहूजा, सिविल सर्जन डॉ. मनजीत सिंह, डीईओ डॉ. विनोद कौशिक, जिला आयुष अधिकारी डॉ. विनोद पुण्डिर, डीडीपीओ शंकर लाल गोयल, सीएमजीजीए आकाश सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे।