
आर पी डब्लू न्यूज़/राजीव मेहता
यमुनानगर, 16 मई:- यमुनानगर में नेशनल हाइवे 907 के जगाधरी-ताजेवाला खंड यमुनानगर बाईपास से ताजेवाला तक के 4-लेन निर्माण के दौरान चल रहे बिजली विभाग के कामों में बड़ी अनियमितताएं देखने को मिल रही हैं। जहां जंगरोधक सामान का इस्तेमाल किया जाना था तो वहीं काम के दौरान ही सामान पर जंग लगना शुरु हो चुका है।
वहीं बिजली अधिकारी मामले में कतई पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं। अप्रैल 2022 को जहां केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर नेशनल हाइवे 907 के जगाधरी-ताजेवाला खंड में कैल से ताजेवाला तक नए नेशनल हाइवे के निर्माण के लिए 1269.50 करोड़ रुपए के बजट की स्वीकृति दी थी। तो वहीं काफी समय से इस नेशनल हाइवे पर काम शुरु हो चुका है। राज श्यामा नामक कंपनी यहां काम कर रही है और आगे अलग-अलग कामों के लिए उसने सब-टेंडर दिए हुए हैं। इन्ही कामों में से राज श्यामा कंपनी ने एक सब-टेंडर बिजली विभाग के कामों के लिए दिया हुआ है।यह कंपनी काम तो जरूर कर रही है लेकिन वहां पर भारी अनियमितताएं भी हो रही है। बिजली विभाग से ही रिटायर्ड एक अधिकारी ने सामने ना आने की शर्त पर बताया कि ठेकेदार की तरफ से जो सामान लगाया जा रहा है वह बिल्कुल गलत है। उन्होंने बताया कि जहां इस सारे काम में जंग रोधक सामान लगना था तो वही जो बिजली के टावर खड़े किए गए हैं उनमें नट-बोल्ट लोहे के लगाए जा रहे हैं जिन पर अभी से जंग लग चुका है इसके अलावा बिजली के खंभों पर है जो उपकरण जंग रोधक लगने थे उन पर भी अभी से जंग लग चुका है और तारे यानी कंडक्टर भी पुराने लगाई जा रही है। कई जगह पर टावर की फाउंडेशन भी सही नहीं है जब हमने मौके पर जाकर काम देखा तो जिस तरह से रिटायर्ड अधिकारी ने जानकारी दी थी वह बिल्कुल सही पाई गई । जब इस बारे में बिजली विभाग के सीनियर इंजीनियर जेसी शर्मा से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि शुरुआत में जब वहां लगने वाला सामान आया था तब बिजली विभाग की तरफ से उसकी जांच की गई थी और अब जब काम पूरा हो जाएगा उसके बाद जांच की जाएगी और यदि काम सही नहीं पाया गया तो बिजली विभाग उसे अपने अंतर्गत नहीं लेगा।

यहां सवाल यह उठता है कि आखिर जब बिजली विभाग का नेशनल हाईवे पर 32 किलोमीटर तक यानी इतना बड़ा काम यहां हो रहा है तो आखिर वहां बिजली विभाग के अधिकारियों की तैनाती क्यों नहीं की गई है और इसका लगातार इंस्पेक्शन क्यों नहीं हो रहा है।क्योंकि इस तरह का टेंपरेरी काम आने वाले दिनों में लोगों की जान का खतरा भी बन सकता है।