March 15, 2025

संत निरंकारी मिशन द्वारा अन्तराष्ट्रीय योग दिवस पर सभी शाखाओं पर करवाया गया योग

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आर पी डब्लू न्यूज/ मंडल ब्यूरो प्रमुख राजीव मेहता


यमुनानगर 21 जून:- संत निरंकारी मिशन द्वारा  ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के अवसर पर  जिला यमुनानगर  की सभी शाखाओं के निरंकारी सत्संग भवनो में योग दिवस वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत ‘वन वल्र्ड,वन हेल्थ’ विषय अनुसार प्रातः 5.00 बजे से स्थानीय योग प्रशिक्षकों के निर्देशन द्वारा  आयोजित किया गया!

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        ‘योग दिवस’ कार्यक्रम का विशाल रूप में आयोजन संपूर्ण भारतवर्ष के 400 से अधिक स्थानों पर, संत निरंकारी मण्डल के सचिव आदरणीय श्री जोगिन्दर सुखीजा जी के निर्देशन में उत्साहपूर्वक किया गया। जैसा कि विदित ही है कि वर्ष 2015 से ही संत निरंकारी मिशन की सामाजिक शाखा, संत निरंकारी चैरिटेबल फाउन्डेशन द्वारा ‘योग दिवस’ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

व्यायाम के माध्यम से ना केवलशरीर के अंगों अपितु मन, मस्तिष्क और आत्मा में संतुलन बनाया जाता है।

            भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा इस वर्ष ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ का विषय -वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत ‘वन वल्र्ड, वन हेल्थ’ रखा गया है। योग भारत की प्राचीन परंपरा की एक अमूल्य देन है। यह व्यायाम का एक ऐसा प्रभावशाली रूप है जिसके माध्यम से ना केवल शरीर के अंगों अपितु मन, मस्तिष्क और आत्मा में संतुलन बनाया जाता है। यही कारण है कि योग से शारीरिक व्याधियों के अतिरिक्त मानसिक समस्याओं से भी निदान प्राप्त किया जा सकता है। निरंतर योगाभ्यास द्वारा तेज दिमाग, स्वस्थ दिल, सकारात्मक भावों की जागृति और एक सुकून भरी जीवनशैली संभव है। अपने दैनिक जीवन में योग को अपनाकर हम न केवल तनाव मुक्त बन सकते है अपितु एक आनंद वाली सरल जीवन जीने की प्रेरणा भी हम सभी को प्राप्त होती है। वर्तमान समय की भागदौड़ को देखते हुए आज योग की नितांत आवश्यकता भी है। विश्व के लगभग सभी देशों द्वारा योग की इस संस्कृति को सहज रूप में अपनाया जा रहा है।

            सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने भी अपने विचारों में ‘स्वस्थ मन सहज जीवन’ अपनाने का दिव्य मार्गदर्शन देते हुए यही समझाया कि हमें अपने शरीर को निरंकार प्रभु की अमोलक देन समझते हुए उसे स्वस्थ एवं सेहतमंद बनाए रखना है। अतः ऐसे स्वास्थ्यवर्धक कार्यक्रमों का उद्देश्य यही है कि हमें भागदौड़ वाली जिदंगी में अपनी सेहत पर और ध्यान देते हुए उसे बेहतर एवं उत्तम बनाते हुए अच्छा जीवन जीना है।

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